मुजफ्फरपुर न्यूज़: एसकेएमसीएच में शाम 7.40 बजे इमरजेंसी की फर्श पर लेटी सिया देवी की नाक में पाइप लगा था. पाइप का दूसरा सिरा एक प्लास्टिक की बोतल में डाल दिया था. सिया देवी सीतामढ़ी से इलाज कराने आई थी. परिजनों ने बताया कि सिया देवी का पेट फूल गया है. डॉक्टर ने नाक में पाइप लगाकर दूसरे हिस्से को बोतल में डाल दिया है. सुबह के बाद डॉक्टर या नर्स हाल लेने नहीं आए हैं. मेडिकल कॉलेज के दूसरे हिस्से में फर्श पर लिटाई गई शैल देवी की हालत बिगड़ रही है. शैल देवी शिवहर की तरियानी छपरा से आई हैं. उनके साथ खड़े रिश्तेदारों ने बताया कि दोपहर 12 बजे के बाद डॉक्टर देखने नहीं आये हैं. इमरजेंसी में घुसते ही शाम दो मरीज स्ट्रेचर पर पड़े थे. इन दोनों मरीजों को स्लाइन चढ़ाया जा रहा था, लेकिन इन दोनों मरीजों के पास कोई नर्स नहीं थी. इसके अलावा मेडिसिन विभाग में एक बेड पर दो लोग थे.
एसकेएमसीएच में यह तस्वीर रात उप मुख्यममंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के निरीक्षण के बाद की है. तेजस्वी यादव इमरजेंसी के गेट पर जिस गंदगी को देखकर नाराज हुए थे, वह अगले दिन भी मौजूद थी. हालांकि बदलाव इतना था कि इमरजेंसी में डॉक्टर और नर्स तैनात थे. एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि सभी डॉक्टरों को मरीजों का समय से इलाज करने का निर्देश चला गया है. डॉक्टरों के साथ बैठक भी करने जा रहे हैं, जिसमें उनको ड्यूटी के प्रति सचेत किया जाएगा.
लावारिस वार्ड के मरीजों को कमरे में कर दिया बंद
एसकेएमसीएच में बने लावारिस वार्ड के मरीजों को शाम वार्ड के अंदर बंद कर दिया. एसकेएमसीएच में दो वार्ड लावारिस मरीजों के लिए बनाए गए हैं. इस वार्ड में लगभग 20 मरीजों का इलाज चल रहा है. शाम दोनों वार्ड को बाहर से लॉक कर दिया गया था. एसकेएमसीएच के कुछ नर्स ने बताया कि वार्ड की चाबी मेडिसिन वार्ड में रहती है लेकिन मेडिसिन वार्ड में तैनात नर्स का कहना था वार्ड की चाबी सफाईकर्मी रखते हैं. हालांकि वहां कोई सफाईकर्मी मौजूद नहीं था. एसकेएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि वार्ड में ताला कैसे बंद कर दिया गया इसका पता लगाकर ऐसा करने वाले पर कार्रवाई की जाएगी.