सिवान: रेफरल अस्पताल में महिला चिकित्सक के नहीं रहने से महिला मरीज को परेशानी हो रही है. दो वर्ष से अधिक समय से महिला चिकित्सक का पद रिक्त है. सरकारी अस्पताल में चार चिकित्सक पर दो लाख से अधिक लोगों के ईलाज की जिम्मेदारी है.
अस्पताल में आठ चिकित्सक का पद सृजृत है. जिसमें तीन एमबीबीएस चिकित्सक तैनात है. एक आयुर्वेद चिकित्सक मौजूद है. महिला चिकित्सक के नहीं है. दो वर्ष पूर्व प्रभारी डा उषा सिंह के रिटायर होने के बाद से चिकित्सक नहीं है. महिला चिकित्सक के नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को परामर्श लेने में परेशानी होती है. प्रसव के दौरान भी महिला मरीज के परिजन महिला चिकित्सक की तलाश करते हैं. अधिकांश महिलाएं ऐसे मामले में पुरूष चिकित्सक से परामर्श लेने में कतराती है. मातृत्व योजना के तहत होने वाले स्वास्थ्य कैंप में भी महिला चिकित्सक के ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की हालत खराब है.
अस्पताल में चिकित्सक की कमी के कारण लोग निजी अस्पताल का रूख करने को विवश हैं. पांच प्रखंड के बीच स्थित इस रेफरल अस्पताल में आस पास के प्रखंड से महिलाएं इलाज के लिए आती है. अस्पताल में प्रसव के दौरान महिला चिकत्सक के नहीं रहने से उनको निराशा हाथ लग रही है. अस्पताल में कई स्वास्थ्य सेवा को विस्तार हो रहा है. दूसरी तरफ चिकित्सकों की कमी से लोग परेशान हैं. नियमित स्वास्थ्य कर्मचारी भी कम हो रहे हैं. इस संबंध में प्रभारी अंशु अंकित ने बताया के महिला चिकित्सक नहीं है. चिकित्सकों की कमी के संबध में वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराया गया है.
अस्पताल में शुरू हुआ सीबीसी टेस्ट: रेफरल अस्पताल में सीबीसी टेस्ट शुरू हो गया है. अस्पताल में खराब पड़ी सीबीसी मशीन बन गई है. मशीन बनने से अस्पताल में आने वाले मरीज सीबीसी टेस्ट करा सकेंगे. सीबीसी टेस्ट में हेमोग्लोबीन,प्लेटलेट के साथ टोटल कांउट जैसे जांच हो सकते है. मरीज को बाहर से जांच कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पूर्व में अस्पताल में कई तरह के टेस्ट शुरू किये गये थे.