बिहार: सीवान की पुलिस के लिए सिरदर्द बना लाख का इनामी बदमाश 35 वर्षीय सुमित कुमार उर्फ मोनू चवन्नी को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया. एसटीएफ की इस कार्रवाई से सीवान पुलिस ने कापुी राहत की सांस ली है.
एसटीएफ ने यह कार्रवाई जौनपुर पुलिस के सहयोग से की. मौके से शातिर बदमाश भागने में सफल रहे. बदलापुर के दुगौली खुर्द मोड़ स्थित शाहपुर गोशाला के पास हुई मुठभेढ़ वाले स्थल से एके-47, पिस्टल और एसयूवी बरामद की गई है. बताया गया है कि मऊ जनपद के सरायलखंसी थाना क्षेत्र के नरई इमलिया गांव निवासी सुमित कुमार उर्फ मोनू चवन्नी मार्च 2024 को अपने साथियों के साथ जौनपुर के सिंगरामऊ में कारोबारी से रंगदारी मांगने आया था. उसने फायरिंग कर दहशत फैला दी थी. उसी समय से मुकदमा दर्ज कर जिले की पुलिस खोजबीन में लगी थी. उधर, एसटीएफ और एसओजी को भी उसकी तलाश थी. एसटीएफ को सूचना मिली कि चवन्नी बदलापुर इलाके में अपने साथियों के साथ किसी घटना को अंजाम देने के फिराक में है. टीम बदलापुर आ गई और लोकल पुलिस तथा एसओजी की मदद से पीली नदी के पास बदमाशो को घेर लिया. पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो सुमित एक-47 से गोली चलाने लगा. एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में चवन्नी के सिर में गोली लगी और वह वहीं गिर पड़ा. उसके साथी पैदल ही भाग निकले. चवन्नी को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
चवन्नी सिंह जिले में भी सक्रिय था और हत्या सहित कई मामलों में शामिल था.
मिली जानकारी के अनुसार पहली बार चवन्नी सिंह का नाम 2014 में तब आया था, जब तत्कालीन सांसद ओम प्रकाश यादव के मिडिया प्रभारी श्री कांत भारतीय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद बार फिर चवन्नी सिंह का नाम तब सुर्खियों में आया जब एमएलसी चुनाव के दौरान हुसैनगंज थाना क्षेत्र के महुअल गांव के समीप निर्दलीय प्रत्याशी रईस खान के ऊपर अंधाधुंध गोलीबारी हो गई. गौरतलब है कि चवन्नी सिंह नाम सुपारी किलर के रूप में लिया जाता था और बड़े गिरोह के सरगना लोगों की हत्या करवाने के लिए इसका इस्तेमाल किया करते थे. पुलिस की मानें तो इसके खिलाफ यूपी-बिहार में 24 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. इसमें 10 केस हत्या के थे.