बिहार

Siwan: मैरेज हाउस में सीवान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की वार्षिक आमसभा हुई

Admindelhi1
5 Aug 2024 3:26 AM GMT
Siwan: मैरेज हाउस में सीवान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की वार्षिक आमसभा हुई
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एक करोड़ का मुनाफा कमाने का लक्ष्य तय करें बैंक: मंगल

सिवान: वार्षिक आमसभा में बैंक की प्रगति प्रतिवेदन वर्ष 23-24 के अनुमोदन पर विचार किया गया, वहीं बैंक का अंकेक्षित आर्थिक चिह्वा व लाभ-हानि खाता वर्ष 23-24, बैंक का प्रस्तावित बजट वर्ष 24-25 की संपुष्टि पर भी विचार-विमर्श हुआ. इसके साथ ही आगामी वित्तीय वर्ष 24-25 की कार्य योजना के अनुमोदन पर विचार किया गया. इससे पूर्व आमसभा की शुरुआत राष्ट्रगान व डीवीएम पब्लिक स्कूल की छात्राओं के स्वागत गीत से हुई. कृषि सह स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सांसद विजय लक्ष्मी देवी, विधायक देवेशकांत सिंह व कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह, बैंक के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह व प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने विधिवत रूप से वार्षिक आमसभा का उदघाटन किया. मौके पर मंत्री मंगल पांडेय ने वर्ष पूर्व सहकारिता के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि व्यवस्था बदली तो सहकारिता के कार्यों में भी गति आ गई है.

अब बिहार में सहकारिता के क्षेत्र में कार्य आगे बढ़ रहा है. वर्तमान सरकार ने सहकारिता क्षेत्र का बजट बढ़ाया है, ताकि किसानों को समृद्ध व विकसित किया जा सके. सीवान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक भी किसानों की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है. बैंक द्वारा वर्ष 23-24 में 38 लाख 15 हजार रुपये का मुनाफा कमाए जाने की चर्चा करते हुए मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि दो वर्ष पूर्व इसी बैंक ने 90 लाख का मुनाफा कमाया था. उन्होंने बैंक प्रबंधन से लक्ष्य तय करने पर जोर देते हुए कहा कि वित्तीय 24-25 में एक करोड़ का मुनाफा कमाया जा सके, यह लक्ष्य तय हो. 70 प्रतिशत आबादी के विकास के लिये किसानों को आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है. मंत्री ने कहा कि किसानों को सहकारिता के माध्यम से आर्थिक रूप से समृद्ध करने की सरकार की योजना का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान पीएम मोदी ने तब गुजरात में सहकारिता के माध्यम से गांव का विकास किया.

अब पीएम के नेतृत्व में केन्द्र सरकार गांव को सहकारिता के क्षेत्र में और सशक्त बनाने का कार्य कर रही है. हमारा प्रयास है कि किसानों को अधिक ऋण मिले ताकि बढ़िया से किसान खेती करे जिससे उत्पादन बढ़े. इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य स्तर पर बैंकर्स की मीटिंग में इस मुद्दे को उठाया गया. पांच करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने का निर्णय लिया गया, पैक्स में कृषि संयंत्र की स्थापना की जा रही, चयनित पैक्सों को कम्प्यूटराइज किया जा रहा.


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