कटिहार: पुलिस के लिए चुनौती बनी रौतारा के विनोदपुर मुखिया पुत्र सलीम हत्याकांड से पुलिस ने 100 दिन बाद पर्दा उठा दिया है. मुखिया पुत्र मो. सलीम की हत्या उसके सहोदर भाई फिरोज सह आमीर ने अपने चचेरे भाई महबूब के संग मिलकर चाकू से गोद कर दिया था. पुलिस ने हत्या करने के लिए प्रयुक्त चाकू को खून से सना हुआ बरामद किया है. चचेरे भाई महबूब और सहोदर भाई मो. फिरोज उर्फ आमीर को गिरफ्तार कर लिया गया था. साजिश में एक अन्य चचेरे भाई सलमान की संलिप्तता सामने आई है.
एसपी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में पता चला कि महबूब के असम, पश्चिम बंगाल एवं बिहार के कई शहरों के अलावा गोवाहाटी, मुर्शिदाबाद, मालदा, किशनगंज, पूर्णियां आदि जगहों पर छुपा था. तकनीकी सेल और 100 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद अपराधी तक पुलिस पहुंच पायी. तीन राज्यों में महबूब को बरामद करने पुलिस की टीम गयी थी. पुलिस को पूछताछ में महबूब ने बताया कि वह अपने चचेरे भाई मो. सलीम की हत्या सलीम के सगे भाई मो. फिरोज उर्फ मो. आमीर के साथ मिलकर की. घटना के बाद से पुलिस के लगातार घटनास्थल पर आने और इनलोगो के साथ लगातार पूछताछ करने के कारण ये काफी घबरा गया था. जिसकी जानकारी इसने अपने चचेरे भाई मो. सलमान एवं मो. फिरोज उर्फ आमीर को दी थी डेढ़ माह छिपकर दूसरे जगह रहने के बाद ये पूर्णिया से छिपकर अपने मौसी के यहां रौतारा मुस्लिम टोला जा रहा था. इसी क्रम मे इन्हें रौतारा टॉल प्लाजा के पास से पकड़ा गया. एसपी ने बताया कि काण्ड अनुसंधान के क्रम में ही इस काण्ड के वादी चुरबीघाट निवासी हारूण रशीद के द्वारा 12 मई को महबुब आलम उम्र के अपहरण की शिकायत की गई थी.