भागलपुर न्यूज़: यदि शहर के सूजागंज बाजार में आपकी दुकान है तो हर समय जान जोखिम में है. यही नहीं, यदि आप दुकान से सामान की खरीदारी करने के लिए बाजार इलाके में प्रवेश कर रहे हैं तो थोड़ा संभल कर रहियेगा. दरअसल, बाजार की संकरी गलियों में आग से बचाव के लिए किसी तरह का कोई उपाय नहीं किया गया है. इक्के-दुक्के दुकानदारों को छोड़कर मुख्य बाजार की संकरी गलियों की किसी भी दुकान ने फायर सेफ्टी एनओसी नहीं ली है. इस कारण लगातार अगलगी की भीषण घटनाएं हो रही हैं. गनीमत है कि अबतक कोई व्यक्ति प्रभावित नहीं हुआ है, लेकिन बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता.
अग्निशमन में चौंकाने वाले आंकड़े भागलपुर के अग्निशमन विभाग के पास भी चौंकाने वाले आंकड़े हैं. विभाग के मुताबिक, शहर में 700 से ज्यादा छोटे-बड़े दुकानदार अपनी दुकान चलाते हैं, लेकिन अग्निशमन विभाग से अबतक केवल दर्जन से कुछ ज्यादा बड़े दुकानदारों ने ही फायर सेफ्टी एनओसी ली है. इससे हम सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि आग को लेकर लोग कितने जागरूक हैं.
हर तरह की हैं दुकानें
सूजागंज बाजार में हैं 500 से ज्यादा दुकानें
ईस्टर्न बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक शहर के मुख्य भाग स्थित सूजागंज बाजार में छोटे-बड़े मिलाकर 500 से ज्यादा दुकानें हैं. इनमें से ज्यादातर लोगों ने फायर सेफ्टी एनओसी नहीं ली है.
नियम की जानकारी नहीं
ज्यादातर दुकानदारों को इस नियम की जानकारी भी नहीं है कि उन्हें दुकान के लिए फायर सेफ्टी एनओसी लेनी होती है. दुकानों में किसी तरह का सुरक्षा उपकरण भी नहीं हैं जिसकी मदद से आग लगने के बाद तत्काल काबू पाया जा सके.
शहर में न के बराबर दुकानदारों ने फायर सेफ्टी एनओसी ली है. उन्हें अनिवार्य रूप से सुरक्षा के दृष्टिकोण से एनओसी लेनी चाहिए. आग से बचाव के उपाय भी करना चाहिए. ऐसे दुकानदारों के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी.
- अरविंद कुमार, फायर स्टेशन ऑफिसर, भागलपुर
चैंबर इस मुद्दे पर व्यापारी और दुकानदारों के साथ बैठक करेगा. उनके बीच जागरूकता के लिए फायर डिपार्टमेंट और पुलिस अधिकारियों को भी बैठक का हिस्सा बनाया जाएगा, ताकि लोग आग से बचाव के उपाय की व्यवस्था करें.
- श्रवण बाजोरिया, ईस्टर्न बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स, भागलपुर
नहीं पहुंच पातीं गाड़ियां
शहर के मुख्य बाजार में कई ऐसी गलियां हैं, जहां आग लग जाती है तो अग्निशमन के बड़े तो छोड़िए, छोटे वाहन भी नहीं जा पाते. अग्निशमन के पाइप दुकान तक बड़ी मशक्कत के बाद ले जाया जाता है. रात को यदि किसी गली में अग्निशमन का वाहन प्रवेश कर जाता है तो उसे निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
शहर की बाटा गली, सूतापट्टी, कलाली गली, हड़ियापट्टी समेत अन्य संकरी गलियों में हर तरह की दुकानें हैं. इसमें ड्राइफ्रूट्स, मसालों, परचून, पॉलीथिन, धागे, कपड़े समेत अन्य दुकानें हैं. दिन में इन गलियों में पैर रखने तक की जगह नहीं होती है. इसके अलावा लोहिया पुल के नीचे दर्जनों की संख्या में अवैध दुकानें बिना फायर सेफ्टी के चल रही हैं.