
बगहा। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में पिछले कुछ दिनों में कथित रूप से नौ लोगों की जान लेने वाले एक बाघ को शनिवार को गोली मारकर ढेर कर दिया गया। यह पहला मौका था जब किसी बाघ को गोली मारने का आदेश दिया गया। इस बाघ ने पिछले कई महीनों से आतंक मचा रखा था।
इसने करीब 10 लोगो को अपना शिकार बनाया था, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इसमें से 9 लोगों की मौत हो गई थी। शनिवार की सुबह इसने रामनगर ब्लॉक के बलुआ गांव में एक महिला और 7 साल के बच्चे को मार दिया।
मुख्य वन्यजीव संरक्षक प्रभात कुमार गुप्ता ने बताया कि जिले के बगहा में स्थित वाल्मीकि बाघ अभयारण्य (वीटीआर) में वनकर्मियों के एक दल ने बाघ को मार गिराया। उन्होंने बताया कि इस दल को हैदराबाद और पटना से यहां बुलाया गया था। गुप्ता ने बताया, 'वनकर्मी वीटीआर क्षेत्र से भटके हुए बाघ को पिंजरे में कैद करने की कोशिश कर रहे थे। बाघ को मारने का आदेश प्रक्रिया के अनुसार जारी किया गया था, जब यह स्पष्ट हो गया कि बाघ मानव निवास में रहने का आदी है।' अधिकारियों ने बताया कि बाघ ने पिछले कुछ दिनों में कथित रूप से नौ लोगों को मार दिया था।
वन विभाग ने ऐसे चलाया ऑपरेशन
आतंक को खत्म करने के लिए बाघ को मारने का ऑपरेशन शुरू हुआ। वन विभाग को उसके इस इलाके से भागने के निशान नहीं मिले और जब साफ हो गया कि बाघ इसी इलाके के गन्ने के खेत मे छिपा है फिर उसे खोजने का अभियान शुरू हुआ। इसके लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया। लेकिन सफलता नहीं मिली, क्योंकि 8 से 10 फीट लंबे गन्ने में बाघ को खोजना मुश्किल था। तब 2 हाथियों को उसकी खोज के लिए गन्ने के खेत में उतारा गया। चार गोलियों ने इस इलाके में आतंक मचा रहे बाघ को शांत कर दिया।
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar