बिहार

Indian Judicial Code 2023 से वरीय अधिवक्ता रजनीश ने लोगों को कराया अवगत

Gulabi Jagat
29 Jun 2024 1:54 PM GMT
Indian Judicial Code 2023 से वरीय अधिवक्ता रजनीश ने लोगों को कराया अवगत
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Lakhisarai लखीसराय । भारतीय न्याय संहिता 2023की धारा 14में यह प्रावधानित किया गया है कि अगर विधि द्वारा आबद्ध या तथ्य की भूल के कारण अपने में विश्वस्त हो कि उक्त कार्य करने के लिए विधि द्वारा आबद्ध हूं अपराध की श्रेणी मे नहीं आयेगा। भारतीय न्याय संहिता 2023में व्याख्यायित है कि अगर विधि के समादेशों अनुरुप किसी वरिष्ठ अधिकारी के आदेश पर एक सैनिक का भीङ पर गोली चलाया जाना और न्यायालय आदेश पर किसी वैसे व्यक्ति की जांचोपरान्त गिरफ़्तारी इस विश्वासी के साथ किया जाना की यह अमूक व्यक्ति ही है जबकि वह दूसरा व्यक्ति है अपराध की श्रेणी में नही आएगा।
भारतीय न्याय संहिता 2023में पुरानी कानून को नया कपङा पहनाते हुए धारा 20में यह प्रावधानित किया है कि सात साल से कम आयु के बालक का कार्य किसी भी प्रकार के अपराध की श्रेणी में नही आएगी और धारा 21के अनुसार सात साल से उपर और 12साल से कम आयु के अपरिपक्व समझ के बालक का कार्य भी अपराध की श्रेणी मे नही आएगी, धारा 22के अनुसार विकृत चित व्यक्ति का कार्य भी अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया है चुकी वैसे व्यक्ति को कार्य की प्रकृति और परिणाम का ज्ञान नही रहता है, धारा 23के अनुसार व्यक्ति अपनी ईच्छा के बिरुध मतता मे होने के कारण किया गया अपराध, धारा 25के अनुसार सम्मति से किया गया कार्य जिसमें अपराध करने का आशय न हो और न अपराध होने का सम्भाव्यता का ज्ञान हो, धारा 26के अनुसार किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सम्मति से सद्भाव पूर्वक किया गया कार्य जिसमें मृत्यु कारित करने का आशय नही है । अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया, साथ ही धारा 27में यह व्यवस्था दिया गया है कि किसी बालक या विकृत चित व्यक्ति के हित में उसके संरक्षक द्वारा सम्मति पाश्चात्य सद्भाव पूर्वक किया गया कार्य जिसमें अपराध करने का कोई आशय नहीं हो अपराध की श्रेणी में नहीं है।
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