बिहार

पटना यूविवर्सिटी में चालू होगा इन कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम, रेगुलेशन तैयार, जानिए सीबीसीएस से क्या है फायदे

Renuka Sahu
25 Dec 2021 3:57 AM GMT
पटना यूविवर्सिटी में चालू होगा इन कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम, रेगुलेशन तैयार, जानिए सीबीसीएस से क्या है फायदे
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फाइल फोटो 

पटना विश्वविद्यालय में बीए, बीकॉम और बीएससी कोर्स (स्नातक) में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने के लिए रेगुलेशन तैयार कर लिया गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पटना विश्वविद्यालय में बीए, बीकॉम और बीएससी कोर्स (स्नातक) में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने के लिए रेगुलेशन तैयार कर लिया गया है। इसे आगामी सत्र में लागू किया जाएगा। जनवरी में होने वाली सीनेट की बैठक में नए रेगुलेशन को पास करा लिया जाएगा। इसके बाद इसे राजभवन भेजा जाएगा। राजभवन से मंजूरी मिलते ही पटना विश्वविद्यालय स्नातक कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने वाला राज्य का पहला विश्वविद्यालय होगा। विश्वविद्यालय के विशषज्ञों की टीम ने रेगुलेशन को एक माह में तैयार किया है।

ऐसे बांटे गए विषय
स्नातक कोर्स के सेमेस्टर कुल 14 मुख्य पाठ्यक्रम के होंगे। इसके अलावा 4 सामान्य वैकल्पिक और 4 अनुशासन विशिष्ट वैकल्पिक पाठ्यक्रम के होंगे, इसे 6 सेमेस्टर में बांटा गया है। इसके अलावा डीएसई के 4 निबंध/परियोजना हैं, जिसे छठे सेमेस्टर में अनिवार्य कर दिया गया है।
छह सेमेस्टर के लिए 140 क्रेडिट
स्नातक कोर्स को कुल 6 सेमेस्टर में बांटा गया है। इसके लिए कुल छह सेमेस्टर में 140 क्रेडिट तय किए गए हैं। पहला सेमेस्टर 20 क्रेडिट का होगा। वहीं, दूसरा सेमेस्टर भी 20 क्रेडिट का होगा। वहीं, तीसरा और चौथा सेमेस्टर 26-26 क्रेडिट का होगा। वहीं, पांचवें और छठा सेमेस्टर में 24-24 क्रेडिट का होगा।
पहले से दूसरे सेमेस्टर जाने में बाध्यता नहीं
छात्रों को पहले से दूसरे सेमेस्टर में जाने के लिए कोई दिक्कत नहीं होगी। इसमें सभी को भेज दिया जाएगा। पर दूसरे से तीसरे सेमेस्टर में जाने के लिए कम से कम 28 क्रेडिट होना चाहिए। तभी वे प्रमोट हो सकते हैं। इसी तरह से तीसरे से चौथे सेमेस्टर में सभी को प्रमोट किया जाएगा। पर चौथे से पांचवे सेमेस्टर में जाने के लिए 70 क्रेडिट होना चाहिए। वहीं, पांचवें से छठे सेमेस्टर में जाने के लिए 116 क्रेडिट जरूरी होगा। इसी अनुसार रेगुलेशन को बनाया गया है।
एक क्रेडिट दस घंटे के शिक्षण कार्य के बराबर
एक क्रेडिट प्रति सेमेस्टर के 10 घंटे के शिक्षण के बराबर माना जाएगा। यानी दस घंटा की पढ़ाई करने पर छात्र को एक क्रेडिट हासिल होगा। इसमें व्याख्यान (लेक्चर) या शिक्षण (टीचिंग) या व्यावहारिक कार्य या क्षेत्र कार्य (प्रैक्टिकल) प्रति सप्ताह दो घंटे का भी शामिल हैं। एक अध्ययन पाठ्यक्रम में केवल लेक्चर घटक या केवल टीचिंग या प्रैक्टिकल घटक या दो या तीन सभी घटकों का संयोजन हो सकता है। प्रत्येक सेमेस्टर में एक छात्र एल+टी+पी कुल क्रेडिट अर्जित कर सकता है।
सीबीसीएस से क्या है फायदा
सीबीसीएस एक 'कैफेटेरिया' (विशेष कार्यक्रम) दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें छात्र अपने पसंदीदा पाठ्यक्रम को चुन सकते हैं।
क्रेडिट प्रणाली एक छात्र को उसके हितों के अनुसार अपनी खुद की पसंद के बारे में अध्ययन करने की अनुमति देता है।
छात्र अतिरिक्त पाठ्यक्रमों के विकल्प चुन सकते हैं और आवश्यक क्रेडिट से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
वे सीखने के लिए एक बहुविषयक दृष्टिकोण का विकल्प चुन सकते हैं।
छात्र अपने कौशल को बढ़ाने और उद्यमियों को शामिल करने के लिए परियोजनाओं और सौंपे गये कार्यों, व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसे अधिक अवसरों का फायदा उठा सकते हैं।
यह प्रणाली छात्रों के लिये रोजगार के अवसरों में सुधार करती है। प्रणाली संभावित नियोक्ताओं को और वैज्ञानिक स्तर पर छात्रों को प्रदर्शन का समर्थन करने में मदद करेगी।
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने कहा, 'पटना विश्वविद्यालय में नए सत्र में स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा। इसकी तैयारी चल रही है। रेगुलेशन तैयार कर लिया गया है। स्नातक में सेमेस्टर लागू होने से छात्रों को फायदा होगा। इसे सीनेट से पास कराकर राजभवन भेजा जाएगा।'


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