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पटना, (आईएएनएस)| बिहार में 14 जनवरी के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जा रहे हैं। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद दो मंत्रियों ने इस्तीफा भी दे दिया है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार तय माना जा रहा है, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा है।
मंत्रिमंडल में काम हिस्सेदारी के बाद कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार की बाट जोह रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह साफ कहते हैं कि जिसका जो हक है उसे मिलना चाहिए। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार तो होगा और जिसका जो हक है वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देंगे। उन्होंने अपनी बात रख दी है आगे नीतीश कुमार जो करें।
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिन पहले इस संबंध में साफ कर दिया है कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही तय करेंगे। दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस कोटे से ही मंत्री बनना है। ऐसे, में पेंच फंसता दिखाई दे रहा है।
नीतीश कुमार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर गेंद भले राजद की ओर डाल दी हो, लेकिन कांग्रेस तेजस्वी को मानने को तैयार नहीं है।
बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दिल्ली में मीडिया को बयान दिया था कि जदयू, राजद और कांग्रेस अपना-अपना तय कर ले और फिर इस पर बातचीत हो जाएगी। इससे पहले भी तेजस्वी ने कहा था कि पता नहीं कहां से मंत्रिमंडल विस्तार की बात आ जाती है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असितनाथ तिवारी कहते हैं कि पार्टी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर आशान्वित है और होगा भी। मुख्यमंत्री अभी समाधान यात्रा में व्यस्त हैं। मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का विषय है और यह उनका अधिकार क्षेत्र है।
--आईएएनएस
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