
भागलपुर: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के दूसरे चरण की सुधार कार्य योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि नये इंटर एवं मैट्रिक स्तरीय शिक्षण संस्थानों के लिए जीआईएस आधारित ऑनलाइन संबंधन व निरीक्षण व्यवस्था और सभी परीक्षाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फार्म भरने की प्रक्रिया अपनायी जाएगी.
साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डेटा सैनिटाइजेशन की व्यवस्था होगी. समिति की सभी परीक्षाओं में आरएफआईडी आधारित सिक्यूरिटी एवं ट्रैकिंग सिस्टम को अपनाया जाएगा. कुम्हरार स्थित सबसे बड़े परीक्षा केन्द्र बापू परीक्षा परिसर का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण भी किया.
उन्होंने पांचवे तल्ले पर निर्मित परीक्षा हॉल, विभिन्न कमरों और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया. भवन की छत पर लगे सोलर प्लेट को भी देखा और वहां और अधिक सोलर प्लेट लगाने का अधिकारियों को निर्देश दिया. उन्होंने परीक्षा परिसर में पौधारोपण भी किया.
ये थे मौजूद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष उदयकांत मिश्रा, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य मनीष कुमार वर्मा, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव सह पटना के प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी राजीव मिश्रा, नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविंद कुमार उर्फ छोटू सिंह.
261 करोड़ में बना है पांच तल्ला परीक्षा भवन
बापू परीक्षा परिसर का निर्माण 261.11 करोड़ रुपए की लागत से कराया गया है. कुम्हरार में लगभग 6 एकड़ में फैले इस परीक्षा भवन में अत्याधुनिक सुविधाएं हैं. भवन को ए और बी दो अलग-अलग ब्लॉक में बांटा गया है. यहां करीब 25 हजार बच्चों के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन परीक्षा की व्यवस्था की गई है.
हर दिन हो सकती है परीक्षा जिलों में विस्तार हो रहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां हर दिन परीक्षा हो सकती है. बहुत पहले से हमारी कोशिश थी कि पटना में एक बड़ा परीक्षा भवन बने, जहां बैठकर बड़ी संख्या में परीक्षार्थी परीक्षा दे सकें. पटना में निर्माण पूरा हो चुका है. अब इसका विस्तार हो रहा है. सभी जिलों में इसका निर्माण कराया जा रहा है. हमने ही इसका नाम बापू के नाम पर करने का सुझाव दिया था.