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बिहार | सूबे के सरकारी स्कूलों के पास भवन व चहारदीवारी नहीं है, इसके बावजूद खेल गतिविधियों पर स्कूलों ने तीन साल में एक अरब 91 करोड़ पांच लाख रुपए से अधिक खर्च कर दिए.
इतना ही नहीं कोरोना काल में जब स्कूल बंद रहा, उस दौरान भी स्कूलों ने खेल गतिविधियों पर 60 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर दी. स्कूलों की यह लापरवाही अब सूचना के अधिकार के तहत मांगी जानकारी से सामने आई है.
बता दें कि राज्यभर में 5681 ऐसे स्कूल हैं जिनके पास ना तो भवन है और ना ही अपनी जमीन. ये स्कूल अन्य स्कूल भवन में चल रहे हैं. इसके बाद भी इन स्कूलों ने खेल गतिविधि करवाई. आरटीई कार्यकर्ता राकेश कुमार राय ने बताया कि राज्य में 31552 स्कूलों में चहारदीवारी नहीं है, वहीं 8392 स्कूलों की चहारदीवारी टूटी हुई है. कुल 6481 स्कूल के पास भवन ही नहीं है. ऐसे में स्कूलों ने आउटडोर गेम करवाया और हजारों रुपये खर्च भी कर दिये.
● कोरोना काल में बंद थे स्कूल फिर भी खेल की गतिविधियों पर दिखाया गया है खर्च
● खेल सामग्री के साथ कराई गयी खेल गतिविधियों की भी मांगी गई रिपोर्ट
ये सभी स्कूल जाचं के घेरे में है. इनसे खेल सामग्री के साथ करवायी गयी खेल गतिविधि की रिपोर्ट मांगी जाएगी. सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के बाद यह विभाग के संज्ञान में भी आया है. भवनहीन और बिना चहारदीवारी के स्कूलों से इसकी पूरी जानकारी मांगी है. साथ में 2020 से 2021 तक जब कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद था तो स्कूल में खेल गतिविधि कैसे करवाई गयी, इसकी भी रिपोर्ट स्कूलों से तलब की गई है.
पिछले तीन साल में खेल पर हुए खर्च का ब्योरा
सत्र 2019-20
कुल स्कूल 72534
कुल खर्च 60 करोड़ 89 लाख
सत्र 2020-21
कुल स्कूल 72469
कुल खर्च 61 करोड़ 06 लाख
सत्र 2021-22
कुल स्कूल 75424
कुल खर्च 69 करोड़ 10लाख
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Harrison
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