मुजफ्फरपुर न्यूज़: शिक्षिकाओं को हर माह दो दिन विशेष अवकाश (मासिक धर्म) दिया जाता है. यह विशेषाधिकार है. इसके लिए आवेदन देना होता है, पर अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पिछले दिनों विशेष अवकाश पर रही एक शिक्षिका का वेतन स्थगित कर दिया. क्योंकि संबंधित दिन वो अनुपस्थित थी.
इस कार्रवाई के बाद राज्य के कई स्कूलों के प्राचार्यों ने महिला शिक्षिका को विशेष अवकाश देना बंद कर दिया है. आवेदन देने के बावजूद छुट्टी नहीं दी जा रही है. बता दें कि 21 जुलाई को अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीपुर, राजापाकर (वैशाली) का निरीक्षण किया था. साथ में संबंधित शिक्षिका से कहा गया कि विद्यालय से अनुपस्थित रहने के अपने दायित्वों में वो लापरवाही कर रही है. ऐसे में बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन हो रहा है. इसके लिए शिक्षिका को स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. इस घटना के बाद पटना सहित राज्य के सैकड़ों स्कूलों की शिक्षिकाओं को विशेष अवकाश नहीं दिया जा रहा है.
वहीं शिक्षिकाओं को विशेष अवकाश नहीं मिलने से शिक्षक संघों में आक्रोश है. टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ के प्रवक्ता अश्विनी कुमार ने बताया कि कोई पत्र या नियमावली में संशोधन नहीं किया पर आवेदन रद्द किये जा रहे हैं.
आवेदन दिये बगैर हो गया तबादला अपर मुख्य सचिव को दी सूचना
पिछले दिनों प्रोजेक्ट शांता देवी कन्या प्लस टू विद्यालय के चार शिक्षकों का स्थानांतरण उच्च विद्यालय वीर ओईयारा और उच्च विद्यालय बहरामपुर में कर दिया गया है. जबकि इन शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए आवेदन भी नहीं दिया था. शिक्षकों का तबादला होने से स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं बचे हैं.
अब स्कूल प्रशासन ने इसकी सूचना अपर मुख्य सचिव केके पाठक को दी है. साथ ही कहा गया है कि जब स्थानांतरण एच्छिक था तो फिर बिना आवेदन के जिला परिषद ने स्थानांतरण कैसे कर दिया है. इसे जल्द से जल्द रद्द करने की अपील की गयी है. वहीं राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय जल्ला पटना सिटी के शिक्षक राकेश रंजन का स्थानांतरण लक्ष्मी नारायण राजवंशी उच्च विद्यालय ढीबर में कर दिया गया था.राकेश रंजन ने कोई आवेदन नहीं दिया था. शिक्षक राकेश रंजन ने जिला अपीलीय प्राधिकार पटना में शिकायत दर्ज की. इसके बाद प्राधिकार ने राकेश रंजन के स्थानांतरण को रद्द कर दिया.