कोरोना और कुत्ता काटने से बचने के उपाय जानेंगे स्कूली बच्चे
पटना न्यूज़: स्कूल में अब सुरक्षित कोरोना संक्रमण के साथ कुत्ता, बंदर, मधुमक्खी और सांप के काटने से बचाव से जुड़ी जानकारी भी दी जायेगी. इसके लिए एससीईआरटी शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रही है. इसके अलावा राज्यभर के डायट व्याख्याताओं को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
बता दें कि सुरक्षित की शुरुआत 2015 में एक से आठवीं तक की कक्षा में किया गया था. एक से आठवीं के छात्र और छात्राओं को हर को आपदा के बारे में जागरूक किया जा रहा है. इसमें मौसम के अनुसार आपदा की जानकारी गतिविधि कराकर की जाती है. अभी तक सुरक्षित में 16 तरह तक की आपदाओं के बारे में बताया जाता था, अब इनकी संख्या 18 हो गई है. एससीईआरटी और यूनिसेफ की मानें तो कुत्ता काटने की घटनाएं आए दिन बच्चों या उनके परिजन के साथ हो रही हैं. अब भी इसके इलाज को लेकर कई अंधविश्वास हैं. इसके साथ ही प्राथमिक उपचार के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं है. इस कार्यक्रम से बच्चों और परिजनों इसके बारे में जानेंगे और अपना बचाव कर सकेंगे.
इन आपदाओं पर होती हैं गतिविधियां:
● प्राकृतिक आपदा भूकंप, बाढ़, अगलगी, ठनका या वज्रपात, आंधी तुफान या चक्रवाती तूफान, लू या गर्म हवाएं, शीतलहर, सर्प दंश, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन
● मानव जनित आपदा आगलगी, सड़क दुर्घटना, रेल दुर्घटना, भगदड़, विद्युत करंट, नाव दुर्घटना या पानी में डूबने की घटनाएं
● स्वास्थ्य संबंधित आपदा जेई, मस्तिष्क ज्वर, चमकी, बुखार, डायरिया, निमोनिया, पोषण, शुद्ध पेय जल, स्वच्छता, साफ सफाई
● सामाजिक आपदा बाल अधिकार, बाल विवाह, बाल शोषण, बच्चों से छेड़छाड़
● इनको जोड़ा गया कोरोना संक्रमण, कुत्ते का काटना, मधुमक्खी का काटना, बंदर का काटना
सुरक्षित में अब कोरोना से बचाव की जानकारी दी जायेगी. इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. आए दिन कुत्ते के काटने की घटनाएं होती हैं. बच्चों को इसकी जानकारी देने से वे समाज में इसके बचाव के उपाय के प्रति लोगों को भी जागरूक करेंगे.
-सज्जन आर, निदेशक एससीईआरटी