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सदर प्रखंड अंतर्गत चौघारा गांव में गुरुवार को अंचल अधिकारी के द्वारा मनमाने कार्य करने के विरुद्ध सत्याग्रह किया गया
सुपौल। सदर प्रखंड अंतर्गत चौघारा गांव में गुरुवार को अंचल अधिकारी के द्वारा मनमाने कार्य करने के विरुद्ध सत्याग्रह किया गया। सर्वसम्मति से लोहिया बिचार मंच के द्वारा अंचलाधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप में जिला पदाधिकारी, प्रमंडलीय आयुक्त, विभागीय वरीय पदाधिकारी को अवगत कराते हुए अभिलंभ सेवा समाप्त करने की मांग की।
लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ अमन कुमार ने कहा कि अंचलाधिकारी सुपौल के गैर जिम्मेदाराना कार्य के कारण सुशासन बाबू और राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का सपना चकना-चूर हो रहा है। एक तरफ अंचल अधिकारी आम जनता के द्वारा जन अदालत लगाने के उपरांत पंचायत सरकार भवन के लिए खाता संख्या-93, खेसरा-8012 गैर मजरुबा आम जमीन को चिन्हित कर जिला प्रशासन को रिपोर्ट करते हैं।
वहीं दूसरी तरफ उसी जमीन का फर्जी तरीके से पूर्व जमींदार के द्वारा प्रमाणगी कागजात तैयार कर न्यायालय में अधिकार वाद दर्ज करवाते हैं। सीओ के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि दाखिल ख़ारिज, परिमार्जन, सर्वे और वासगीत पर्चा को दुधारू गाय बना दिया है। इनके क्रियाकलाप से तंग आकर क्षेत्रवासियों को सत्याग्रह आंदोलन का सहारा लेना पड़ा है। इनके क्रियाकलाप की उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि जमीन विवाद सुलझाने की जगह उलझाने का कार्य कर रहे हैं। झूठे कागजात तैयार कर जिला प्रशासन और न्यायालय को गुमराह करने में लगे रहते हैं। सुपौल में मूल जमींदार का नाम पंजी-2 से हटाकर अन्य हिस्सेदार से मोटी रकम ऐठने के बाद उनका नाम पंजी में चढ़ा दिया जाता है। जिससे आमजन को काफी असुविधा होती है।
इन आरोप पर अंचलाधिकारी सुपौल ने कहा कि यह सरासर अनर्गल आरोप है, यह अनावश्यक दवाब बनाने की कोशिश की जा रही है जहाँ तक पंचायत सरकार भवन के स्वीकृति हेतू जिलास्तर पर भेजा जा चुका है, जिसपर जिलास्तरीय कमेटी विचार कर रही हैं।
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