बिहार

अक्टूबर महीने से बिहार के 28 जिलों में शुरू होगा बालू खनन का काम

Renuka Sahu
22 Sep 2022 2:00 AM GMT
sand mining will start in 28 districts of bihar from october
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न्यूज़ क्रेडिट : firstbihar.com
बिहार में बालू की कीमतें भले ही आसमान छू रही हो, लेकिन अगले महीने से राज्य में इसकी किल्लत दूर हो जाएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में बालू की कीमतें भले ही आसमान छू रही हो, लेकिन अगले महीने से राज्य में इसकी किल्लत दूर हो जाएगी। दरअसल 31 सितंबर तक बालू के खनन पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक रोक लगी हुई है, लेकिन अक्टूबर महीने से बालू खनन का काम शुरू हो जाएगा। बिहार के 28 जिलों के तकरीबन 900 बालू घाटों पर अक्टूबर से बालू खनन शुरू होगा। मई 2022 तक केवल 16 जिलों में करीब 435 बालू घाटों से ही बालू का खनन हो रहा था। अभी बालू खनन पर एनजीटी की रोक है। इसके तहत 31 सितंबर तक बालू का खनन नहीं होना है। नदियों में तीन मीटर से अधिक की खुदाई नहीं हो सकेगी। सरकार ने खनन की सीमा तय कर दी है। इतना ही नहीं नदियों के जलस्तर या 3 मीटर में जो कम होगा, वही खनन की सीमा होगी। इलके अलावा वे 300 मीटर के दायरे में ही बालू का भंडारण कर सकेंगे। 5 किमी से आगे बालू भंडारण के लिए उन्हें अलग से लाइसेंस लेना होगा। बंदोबस्तधारियों को भंडारण स्थल का जियो कार्डिनेट के साथ भंडारण की मात्रा की ऑनलाइन पोर्टल पर जानकारी देनी होगी।

बालू खनन के बंदोबस्तधारियों को हर साल बालू के बंदोबस्त के लिए 20 फीसदी ज्यादा राशि देनी होगी। राज्य सरकार की बालू खनन की नई नीति में इसका प्रावधान किया है। बंदोबस्तधारियों को हर साल पिछले वर्ष की तुलना में 120 फीसदी राशि देनी होगी। राज्य सरकार ने सभी जिलों में बालू खनन के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी डीएम को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गयी है। पहली बार नए प्रावधान के तहत बालूघाटों की बंदोबस्ती जिलों को ही करनी है। बालू की बिक्री केवल ऑनलाइन ही होगी। छोटे, मध्यम और बड़े उपभोक्ता इसी माध्यम से बालू ले सकेंगे। इस कारण हर साल बालू की बाजार कीमत बढ़नी भी तय है।
इसके अलावे राज्य सरकार ने अवैध खनन को लेकर भी पक्का इंतजाम किया है। अवैध खनन रोकने की जिम्मेवारी बंदोबस्तधारियों को ही सौंप दी है। उनसे उनके बालूघाटों और उसके आसपास नजर रखने को कहा गया है। उनके बालूघाट के 100 मीटर के इलाके में अवैध खनन होने पर बंदोबस्तधारियों को तत्काल इसकी सूचना सरकार को देनी होगी। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। वे बालूघाट की सबलेटिंग नहीं कर सकेंगे। उसे किसी दूसरे को उपपट्टा पर नहीं देंगे। बंदोबस्तधारियों को खुद या अपने प्रतिनिधि के माध्यम से बालूघाटों की निगरानी करनी होगी। यही नहीं, उन्हें खनन स्थल का चार फोटो हर हफ्ते जियो कार्डिनेट के साथ अपलोड करना होगा। घाटों पर धर्मकांटा लगवाना होगा और रियल टाइम डाटा विभागीय पोर्टल पर देना होगा। जीपीएस युक्त वाहन तो होंगे ही, वाहन पर लोड शेल उपकरण का भी इस्तेमाल करना होगा
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