बिहार

मिथिला की बहनों को स्वरोजगार से जोड़ रहा सखी-बहिनपा समूह

Admin Delhi 1
16 March 2023 10:00 AM GMT
मिथिला की बहनों को स्वरोजगार से जोड़ रहा सखी-बहिनपा समूह
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कटिहार न्यूज़: मिथिला की संस्कृति को बचाए रखने के लिए और युवाओं के बीच संस्कृति के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए महिलाओं की टोली सखी-बहिनपा इस क्षेत्र में काम कर रही है. दरभंगा से उठी आवाज को कटिहार और सीमांचल में प्रसारित किया जा रहा है. इसका मकसद मिथिला की संस्कृति को बचाना और युवाओं को उनकी संस्कृति की जानकारी देना है.

सखी-बहिनपा कटिहार की संयोजक रंजना झा ने कहा कि इसके साथ ही हर आयु वर्ग की महिलाओं के लिए इसके जरिए स्वरोजगार से जोड़ना भी है. बीते दिनों कटिहार में इसको लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. संयोजक ने बताया कि सिर्फ कटिहार की बात करें तो 250 से अधिक महिलाएं सखी-बहिनपा से जुड़कर सोशल मीडिया और संबंधों के आधार पर काम शुरू कर दिया है. बताया गया कि इस कदम से क्षेत्र की काफी संख्या में महिलाएं आकर्षित हो रही है. इसे महिलाएं स्वावलंबी बन सकती हैं. इसके लिए इसे व्यापक रूप देना समूह का उद्देश्य है. इसमें काफी सहयोग मिल रहा है.

कविता व गीत से संस्कृति की रक्षा: लोक गायिका और कवियत्री विनीता ठाकुर ने कहा कि सखी-बहिनपा एक मंच है. जिसमें मिथिला समुदाय की महिलाएं अपनी प्रतिभा को बेहतर तरीके से प्रदर्शित कर सकती है. कटिहार कार्यक्रम में आयी विनीता ठाकुर ने कहा कि विभिन्न मांगलिक कार्यों के दौरान पारंपरिक गीत लुफ्त हो रहा है. उसको बचाने और नयी पीढ़ी को इसकी जानकारी देने के लिए हमलोग काम करते है. कई पुरानी मिथिला की महिलाओं से पारंपरिक गीत भी लेकर जमा कर रहे है. प्रो. चंदना झा, छाया झा, विनीता झा, नूतन मिश्रा ने बताया कि सखी-बहिनपा से युवा पीढ़ी भी जुड़ रहे है.

मांगलिक कार्यों से जुड़े रोजगार को बढ़ावा: संयोजिका रंजना झा ने बताया कि इसके जरिए मिथिला संस्कृति से जुड़े मांगलिक कार्य जैसे मुंडन, उपनयन, विवाह, मधुश्रावणी से लेकर विभिन्न दिवस के मौके पर पूजा पाठन और उससे जुड़ी सामग्री का संकलन और व्यवसाय भी किया जाता है. ऑनलाइन और ऑफलाइन जो भी ऑडर आता है. उसे बनाकर भेज दिया जाता है. इसमें मुख्य रूप से जनेऊ, पाग, मिथिला पेटिंग, अदोरी, कुम्हरोरी की मांग अधिक रहती है. डिमांड पर इसे विभिन्न जगहों पर भेजा जाता है.

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