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पटना. बिहार में इस साल मानसून आने के बाद बारिश की कमी काफी नजर आई। पिछले साल के मुकाबले ही कुछ जिलों को छोड़कर अधिकतर इलाकों में 20 फीसदी से भी कम बारिश हुई। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कम बारिश होने की वजह से होने वाली संभवित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इससे प्रभावित किसानों की समस्याओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखें। सीएम ने कहा कि किसानों को किसी भी तरह से असुविधा नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के बीच वैकल्पिक फसल के लिए प्रचार करें। उसके लिए वैकल्पिक फसल के बीज की पर्याप्त उपलब्धता रखें।
सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कम बारिश से उत्पन्न संभावित स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत जल के संरक्षण एवं हरियाली को बढ़ाने के लिए की गई है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी अव्यवों के कार्य प्रगति की नियमित समीक्षा करते रहें। जल संचयन के कार्यों में कहीं कोई अवरोध हो तो उसे जल्द दूर करें। नहरों में जलापूर्ति लगातार जारी रखें।
समीक्षा के दौरान कृषि विभाग के सचिव एन. सरवन ने बताया कि राज्य में अब तक 15 से 20 प्रतिशत रोपनी हुई है। कम बारिश के कारण संभावित उत्पन्न परिस्थिति से निपटने को लेकर विभाग तैयारी में जुटा है। इस मौके पर आपदा प्रबंधन सह जल संसान विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से वर्ष 2022 में एक जून से आठ जुलाई तक बारिश की स्थिति की जानकारी दी।
संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस अवधि में आठ जिलों- अररिया, बेगूसराय, बक्सर, किशनगंज, मोपुरा, मधुबनी, पूर्णिया एवं सुपौल को छोड़कर शेष 30 जिलों में सामान्य से 20 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है। उन्होंने वर्ष 2017 से 2021 तक के बारिश की वर्षवार की स्थिति भी बतायी। उन्होंने बताया कि नहरों में जल की आपूर्ति की जा रही है।
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