रोहतास: जिले में वैसे तो पांच ब्लड बैंक है. लेकिन, डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच ब्लड बैंक में रक्त के उपलब्धता का रिकॉर्ड काफी खराब है. सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में तो खून बीते 10 दिनों से शून्य है. वहीं जिले के अन्य चार निजी ब्लड बैंकों में भी रक्त की उपलब्धता काफी कम है. ऐसे में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने में विभाग लगा है. ताकि डेंगू पीड़ितों को जरूरत पर रक्त के कॉम्पोनेंट प्लेटलेट उपलब्ध कराई जा सके.
जिला सदर अस्पताल के रक्त अधिकोष समेत तीन ब्लड बैंक है. वहीं, डेहरी में दो ब्लड बैंक है. लेकिन, ब्लड बैंकों में केवल नारायण मेडिकल कॉलेज जमुहार में ही रक्त के कंपोनेंट बनाने की सुविधा है. जहां से डेंगू मरीजों को जरूरत पर प्लेटलेट उपलब्ध हो सकती है. लेकिन, जिले के ब्लड बैंको में रक्त की उपलब्धता कम होने से डेंगू मरीजों को परेशानी बढ़ सकती है. वैसे फिलहाल अभी किसी मरीज को प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ी है. लेकिन, जिले में फिलहाल छह डेंगू के पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं. डेंगू पॉजिटिव आने वालों में सरकारी कर्मी से लेकर निजी चिकित्सक भी शामिल हैं. वहीं संदिग्ध डेंगू के मरीजों की संख्या 150 के पार चली गई है. डेंगू के संदिग्ध मरीज मिलने का क्रम बदस्तूर जारी है.
विगत दिनों शहर के रोज रोड के समीप स्थित एक सर्जन चिकित्सक को डेंगू होने के बाद उन्हें जिला के एक बड़े निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन, परिजनों ने जिले के अस्पताल की सुविधा को नकारते हुए उन्हें बाहर इलाज के लिए लेकर चले गए. पटना के बड़े अस्पताल में इलाज के दौरान डेंगू मरीज चिकित्सक को प्लेटलेट भी चढ़ाया गया है. लेकिन, डेंगू के सिर्फ छह केस होने से स्थिति जिले में ठीक है. प्लेटलेट और रक्त को लेकर कोई वैसे डिमांड सामने नहीं आया है. जिसके चलते उन्हें भाग दौड़ करना पड़े. वैसे संक्रमण बढ़ने पर इसकी प्रबल आशंका जताई जा रही है. ऐसे में विभाग रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने में लगा है. सदर अस्पताल में विगत कई दिनों से रक्त की उपलब्धता शून्य होने से विभाग चिंता में है. रक्तदान शिविर आयोजित कराने के लिए लगातार समाजसेवियो, जन प्रतिनिधियों से संपर्क किया जा रहा है. सुनिश्चित करने की बात ब्लड बैंक प्रबंधन द्वारा कही जा रही है.
डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि डेंगू के मरीजों के इलाज में प्लेटलेट की जरूरत होती है. प्लेटलेट्स के लिए रक्त की जरूरत होती है. ऐसे में रक्त की उपलब्धता डेंगू के बढ़ते दौर में बेहद जरूरी है. कभी भी डेंगू के मरीजों को इसकी जरूरत पड़ सकती है. जरूरत पर प्लेटलेट नहीं मिलने पर डेंगू मरीजों के जीवन संकट पैदा हो जाएगी. संक्रमित मरीजों के तुरंत प्लेटलेट गिरने की बात सामने आ रही है.
तीन दिनों में प्लेटलेट 30000 के नीचे पहुंच जा रहा है. डीआई देवेंद्र कुमार ने कहा कि डेंगू के मरीजों को रख कॉम्पोनेंट प्लेटलेट की जरूरत होती है. जिला के एक ब्लड बैंक नारायण मेडिकल कॉलेज में रक्त के कंपोनेंट बनाने की सुविधा है. वैसे सभी में रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाना चाहिए.
जिले के ब्लड बैंक में खून की स्थिति
माइक्रो ब्लड बैंक सासाराम में
● ए + पॉजिटिव-पांच
● ड पॉजिटिव-पांच
● एबी पॉजिटिव- दो
● ए नेगेटिव- 1
● बी पॉजिटिव-6
नारायण मेडिकल कॉलेज में
● ए नेगेटिव- एक
पूनम ब्लड बैंक सासाराम
● एबी पॉजिटिव-दो
बॉस क्लिनिक डेहरी ब्लड सेंटर
● ओ पॉजिटिव एक
● बी पॉजिटिव एक
● टोटल 24 यूनिट
सदर अस्पताल ब्लड बैंक में एक यूनिट भी नहीं.
जिला में पांच ब्लड बैंक है. डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कई निर्देश जारी किया गया है. उपलब्धता सुनिश्चित करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर कर रक्त उपलब्ध करा लिया जाएगा. - डॉ. केएन तिवारी, सीएस