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जमुई। कैदी की मौत होने पर परिजनों ने जेल गेट पर जमकर हंगामा किया। मृतक की लाश को जेल गेट पर रखकर परिजनों ने जेलर को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। मामले की जांच कर एफआईआर दर्जन करने की मांग को ले दो घंटे तक आक्रोशित लोग कारा के गेट पर डटे रहे। मृत कैदी सिकंदरा थाना क्षेत्र के पचमहुआ गांव का निवासी जयराम यादव (48) था। शुक्रवार की शाम शराब के एक पुराने मामले में जमानत टूटने के कारण गिरफ्तार होकर जेल आया था। कैदी की मौत की सूचना पर न्यायिक अधिकारी ने भी जेल पहुंच कर मामले की जांच की। हंगामे की सूचना सदर थानाध्यक्ष राजीव कुमार तिवारी भी जेल गेट पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया। बाद में जिला परिषद अध्यक्ष दुलारी देवी के प्रतिनिधि गुड्डू यादव के आने के बाद मामला सुलझा।
गुड्डू यादव ने जेल अधीक्षक अरुण पासवान से जाकर विस्तार पूर्वक जानकारी ली और परिजनों को न्याय का भरोसा दिलाया। तब जाकर लोगों का गुस्सा ठंडा हुआ और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया। जेल प्रशासन का कहना था कि सोमवार की सुबह उक्त कैदी की तबीयत खराब होने की सूचना मिली। जेल के डॉक्टर ने जब जांच की तो उनका रक्तचाप काफी कम था। तबीयत काफी खराब देखते हुए अस्पताल भेजा गया था। अस्पताल के रजिस्टर के मुताबिक सुबह 7:07 पर कैदी को इलाज के लिए लाया गया। जबकि सात 7 : 18 मिनट पर कैदी की मौत हो गई। इधर परिजनों का कहना था जब जयराम यादव की तबीयत खराब थी तो इसकी सूचना परिजनों को देर से क्यों दी गई। जमुई थानाध्यक्ष राजीव कुमार तिवारी ने बताया कि परिजनों ने जेल के अंदर मारपीट करने का आरोप लगाया है। आवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच की जा रही है।
तीन दिन पहले जयराम गया था जेल
वर्ष 2015 के शराब तस्करी मामले में जयराम यादव नामजद अभियुक्त था। उक्त मामले में पूर्व में उसे जमानत मिल थी । निर्धारित तिथि पर कोर्ट नहीं आने से जमानत टूट गयी। जिस कारण वारंट जारी होने पर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गुरुवार की रात सिकंदरा पुलिस के द्वारा उसे गिरफ्तार कर कागजी प्रक्रिया के बाद शुक्रवार को जेल भेजा गया था। परिजनों ने बताया कि जयराम किसी बीमारी से ग्रसित भी नहीं था सबकुछ ठीक-ठाक था।
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