Bihar News: भागलपुर से एक हैरान करने वाला सच सामने आया है जो किसानों की मजबूरी को दिखाता है. गंगा पर बने विक्रमशिला सेतु से गुजरने वाले लोग जब ये दृश्य देखते हैं तो उनके रौंगटे खड़े हो जाते हैं. यहां पुल के नीचे के कुछ इलाकों में किसान आने-जाने के लिए मौत को चुनौती देते हैं. पुरुष हों या महिलाएं, वो पुल से सटे पेड़ के सहारे ही कई फीट नीचे जमीन पर उतरते हैं जबकि बच्चों को जान हथेली पर रखकर रस्सी में बांधकर ऊपर से नीचे भेजा जाता है.
विक्रमशिला सेतु से नीचे उतरने की मजबूरी
विक्रमशिला सेतु गंगा के दोनों पार भागलपुर और नवगछिया होकर क्षेत्रों को जोड़ता है. इस पुल के ही आसपास राघोपुर और महादेवपुर गांव के किसान खेती बाड़ी करते हैं. इन्होंने अपना बासा भी यहां बनाया है. लेकिन जब गंगा का पानी बढ़ता है तो इनके आवागमन का रास्ता ही बंद हो जाता है. पेट की मजबूरी इन्हें लाचार करती है और वो खतरनाक कदम ये उठाते हैं जो बड़ी अनहोनी को आमंत्रण देती है. किसी भी दिन बड़े हादसे का शिकार ये किसान हो सकते हैं.
गंगा का जलस्तर बढ़ा तो रास्ते हो गये बंद
गंगा का जलस्तर बढ़ा तो ये क्षेत्र टापू बन गया है. रास्ता बंद होने के बाद किसान नाव का सहारा लेकर आते-जाते हैं लेकिन अगर नाव उन्हें नहीं मिले तो वो ऐसा कदम उठाते हैं जिसे देखकर आपके रूह कांप जाएंगे. किसान बीच पुल से सटे कंटीले पेड़ का सहारा लेकर नीचे उतर जाते हैं.
बच्चे को जाल में बांधकर रस्सी के सहारे नीचे उतारते किसान
करीब 40 से 45 फीट नीचे उतरने में महिला व पुरुष किसानों कुछ ही मिनट लगता है. वहीं उनके बच्चे जो पेड़ से नहीं उतर सकते, उन्हें वो रस्सी और बांस के डाले में बैठाकर नीचे उतारते हैं. कई बार जाल में बच्चे को बांधकर रस्सी के सहारे नीचे उतारा जाता है. मौत को चुनौती देता दृश्य काफी भयावह होता है लेकिन प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है.