Rohtas: चार्जशीट कर साक्ष्य देना भूल गई पुलिस, आरोपी हुआ बरी
रोहतास: बीस वर्षों तक इंतजार के बाद भी पटना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भी अभियोजन गवाह एनडीपीएस के विशेष कोर्ट में पेश नहीं किया. विशेष कोर्ट के न्यायाधीश प्रशांत कुमार ने आरोपी सुदामा राय उर्फ सुदामा गोप के खिलाफ कोई भी साक्ष्य नहीं मिलने पर उसे गांजा बेचने के आरोप से बरी कर दिया.
पटना सिटी के खाजेकंला थाना की पुलिस ने वर्ष 2001 में गांजा बेचने के आरोप में सुदामा राय और विनय कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. दोनों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. इसमें दारोगा राजेश कुमार समेत पुलिसकर्मी को गवाह बनाया था. कोर्ट ने आरोपियों पर वर्ष 2004 में आरोप गठित करने के बाद पुलिस व अभियोजन को साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया था. विशेष कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य व अभियोजन गवाह पुलिसकर्मी को पेश करने के लिए समन, वारंट और एसपी को पत्र भेजा. 20 वर्ष तक इंतजार करने के बाद पुलिस व अभियोजन ने आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य नही पेश किया. इसबीच आरोपी विनय कुमार की मृत्यु हो गई. आरोप सुदामा राय को साक्ष्य के अभाव में गंजा बेचने के आरोप से बरी कर दिया.
दुष्कर्म के दो मामलों में चार को कैद और जुर्माना: प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संगम सिंह ने दुष्कर्म के दो आपराधिक मामलों का स्पीडी ट्रायल करते हुए चार आरोपितों को सजा सुनायी है. दुष्कर्म का मामला भगवानगंज थाना क्षेत्र में वर्ष 2018 में हुआ था. मुख्य आरोपित सोनू कुमार को 12 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनायी गई. आरोपित पंकज कुमार और सन्नी कुमार को 4 वर्ष कैद और दो-दो हजार जुर्माना लगाया गया. वहीं दूसरे मामले में अमरेश कुमार उर्फ सोनू को 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 5 हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनायी है. इस मामले में महिला थाना ने वर्ष 2018 में मामला दर्ज किया था और आरोपित के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दायर की थी.