बिहार

Rohtas बच्चों के जन्म के बीच अंतर को किया प्रेरित, अभियान से जागरूक करने का प्रयास किया जाता है

SANTOSI TANDI
6 Oct 2023 6:22 AM GMT
Rohtas बच्चों के जन्म के बीच अंतर को किया प्रेरित, अभियान से जागरूक करने का प्रयास किया जाता है
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अभियान से जागरूक करने का प्रयास किया जाता है
बिहार जनसंख्या स्थिरीकरण को ले सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाये जा रहे हैं. अभियान के तहत स्थाई और अस्थाई परिवार नियोजन के साधनों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
साथ ही दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर को बनाए रखने के लिए अभियान के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया जाता है. ताकि मातृ शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके. इसमें सरकार को सफलता भी मिल रही है. यही कारण है कि जिले में मिशन परिवार विकास अभियान को लेकर आमलोगों में रुचि बढ़ने लगी है. जनसंख्या स्थिरीकरण को ले पिछले महीने चलाए गए मिशन परिवार विकास अभियान के तहत जिले में करीब 1800 दंपतियों ने स्थाई व अस्थाई परिवार नियोजन के साधनों को अपनाया है. विगत 11 से 26 तक चले मिशन परिवार विकास अभियान के तहत जिले में 404 दंपतियों ने स्थाई परिवार नियोजन साधन अपनाया.
अभियान के दौरान 394 महिलाओं ने बंध्याकरण करवाया. जबकि 10 पुरुषों में नसबंदी कराया. महिला बंध्याकरण के मामले में दिनारा प्रखंड अभियान में अव्वल रहा है. दिनारा प्रखंड में सर्वाधिक 55 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया. जबकि दूसरे स्थान पर काराकाट रहा है, जहां 51 महिलाओं ने बंध्याकरण करायी. वहीं शिवसागर तीसरा स्थान पर रही. जहां 32 महिलाओं ने बंध्याकरण करायी. अभियान के तहत पुरुष नसबंदी की बात करें तो कोचस में चार पुरुषों ने नसबंदी कराया.
जबकि सासाराम में दो, दिनारा, नौहट्टा, डेहरी व तिलौथू में एक-एक पुरुषों ने नसबंदी कराये. वहीं अस्थाई परिवार नियोजन साधनों को 427 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी का इस्तेमाल कर अपराया. जबकि 126 महिलाओं ने आईयूसीडी तथा 850 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन का इस्तेमाल कर अस्थायी परिवार नियोजन के उपाय की हैं.
अभियान से जागरूक करने का प्रयास किया जाता है
डीसीएम चंदा कुमारी ने बताया कि परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों को लेकर सरकार लगातार अभियान चलाती है. अभियान के दौरान लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक करने का प्रयास किया जाता है. अभी भी लोगों में जागरूकता का अभाव देखा जा रहा है. खासकर पुरुष नसबंदी को लेकर लोगों में जागरुकता की कमी है. जब परिवार नियोजन की बात आती है तो महिलाएं आगे रहती हैं.
जबकि पुरुष नसबंदी बंध्याकरण से कई गुना आसान व सरल है. अभियान के तहत 400 से अधिक दंपतियो ने परिवार नियोजन के स्थाई संसाधनों का उपयोग किया. जबकि 1400 से अधिक अस्थाई परिवार नियोजन के साधन अपनाए हैं.
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