रोहतास: बीते साल लगातार Gramin Bank Branches में लूट की घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों की अत्याधुनिक गेट तकनीक से पहचान की गयी. लूट के समय अपराधियों ने अपनी पहचान छुपाने के लिए चेहरे पर मास्क लगा रखा था, लेकिन इस अत्याधुनिक तकनीक से सभी की पहचान करने में पुलिस को सफलता मिली.
अपराधियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए बिहार में पहली बार Samastipur Police ने गेट एनालाइसिस (चाल विश्लेषण टेस्ट) का उपयोग किया. इसकी मदद से जिले में पिछले वर्ष ग्रामीण बैंक में डकैती करने के आरोप में गिरफ्तार बदमाशों की पहचान सुनिश्चित की गयी. अब इस तकनीक का उपयोग रिलायंस ज्वेल्स शो रूम में लूट मामले में गिरफ्तार बदमाशों पर उपयोग किया जाएगा ताकि गिरफ्तार अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस अदालत में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत कर सके.
बता दें कि पिछले वर्ष जिले के उजियारपुर, मुसरीघरारी एवं पूसा में चंद दिनों के अंतराल पर बदमाशों ने ग्रामीण बैंकों में लूट की घटना को अंजाम दिया था.
जांच के क्रम में पुलिस ने सोशल मीडिया एवं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपराधियों की पहचान करने के बाद गिरफ्तार किया था.
क्या है गेट एनालाइसिस तकनीक: यह किसी व्यक्ति की चाल ढाल के आधार पर पहचान करने की तकनीक है. इसमें कंप्यूटर के माध्यम से किसी व्यक्ति के चलने, उठने, बैठने और काम करने के तरीकों का विश्लेषण किया जाता है. उसके बाद सीसीटीवी में कैद फुटेज से उसका मिलान किया जाता है. उसके बाद तय किया जाता है कि नों ही व्यक्ति है या नहीं.