Rohtas: बिहटा एलिवेटेड में मुआवजा की रफ्तार धीमी, किसानों में आक्रोश
रोहतास: बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर के रैयतों को धीमी गति से मुआवजा मिल रही है. जिसके कारण किसानों में आक्रोश है. मुआवजा नहीं मिलने के कारण किसान निर्माण कार्य बंद कराने के लिए गोलबंद हो रहे हैं. समय रहते मामले का निष्पादन नहीं हुआ तो निर्माण कार्य ठप हो सकता है. वहीं बड़ी संख्या में किसान अपनी समस्या को लेकर को डीएम से मिलने पहुंचेंगे.
बिहटा और दानापुर अंचल के 22 मौजा में बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर व पटना-बक्सर फोरलेन के लिए 104.0050 एकड़ जमीन अधिग्रहण होना है. जिसमें रेलवे से 10.7550 और रैयतों से 93.25 एकड़ जमीन का अधिग्रहण शामिल है. रैयतों के भुगतान के लिए पथ निर्माण विभाग द्वारा 264.04 करोड़ रुपये जिला भू-अर्जन कार्यालय दिया गया है. लेकिन 8 2024 तक 102.69 करोड़ रुपये का ही वितरण किया गया.
बिहटा सीओ मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि हाल ही में 22 से 25 के बीच अलग-अलग गांव में मुआवजा भुगतान को लेकर दस्तावेज तैयार करने के लिए शिविर लगा था. रैयत आवेदन करते हैं, पर संपूर्ण दस्तावेज नहीं देते हैं. कागजात तैयार करने में परेशानी होती है. अधिग्रहण से संबंधित किसानों का ऑफलाइन एलपीसी बनाया जा रहा है. इसके बावजूद किसान रुचि नहीं दिख रहे हैं. 65 किसानों के रैयतीकरण का प्रस्ताव भेजा गया है. वहीं 10 का प्रस्ताव तैयार है और जल्द भेजा जाएगा.
किसानों की नहीं सुनते अधिकारी संघर्ष मोर्चा: पटना जिला भू-अधिग्रहण पीड़ित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष संजय कुमार शर्मा ने बताया कि अंचल कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी रैयतों को बार-बार दौड़ते हैं. उनका कागजात संपूर्ण रूप से तैयार नहीं हो पा रहा है. भू-अर्जन कार्यालय में किसान समय पर कागजात जमा नहीं कर पा रहे. 90 प्रतिशत किसानों को अब तक मुआवजे का भुगतान नहीं हो सका है. जबरन किसानों की जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है. उचित मुआवजा अगर किसानों को नहीं मिला, तो निर्माण कार्य रोक देंगे. इसके लिए किसान गोलबंद हो रहे हैं.