बिहार

बारिश के बाद नदी का बढ़ा जलस्तर, बांध में पड़ी दरार

Admin4
9 Oct 2023 7:27 AM GMT
बारिश के बाद नदी का बढ़ा जलस्तर, बांध में पड़ी दरार
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बिहार। बिहार में बारिश के बाद कई नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. लोकाइन नदी में पानी के बढ़ने से बाढ़ का खतरा बढ़ चुका है. इस वजह से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. राजधानी पटना के फतुहा में स्थित शिवचक गांव में बरसाती नदी लोकाइन नदी का पानी बढ़ चुका है. यहां ग्रामीणों के प्रयास से सालों पहले जमींदारी बांध बनाया गया था. लेकिन, पानी के तेज बहाव कारण अब्दाचलक और निमी गांव के बीच दरार पड़ चुकी है. वहीं, बांध पर दरार पड़ने के बाद जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को दौरा किया. यहां बांध के उत्तरी छोर पर बैरिकेडिंग लगाया गया है. इसके बाद भी लोकाइन नदी के जलप्रवाह तेजी से जारी है. ग्रामीणों ने यहां मिट्टी को रोकने की कोशिश भी की है. नदी का जलस्तर बढ़ने और बांध में दरार आने के बाद ग्रामीणों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है.
पिछले दिनों हुई बारिश ने किसानों को राहत दी है. नदियों में पानी आने से किसानों को पटवन में काफी सहायता मिलेगी. वहीं, बारिश के बाद नदियों में पानी आने से गिरते भू-जलस्तर पर भी रोक लगेगा. राज्य में मानसून का साथ छूटने के बाद कई नदियों का जलस्तर बढ़ा है. बता दें कि राज्य के नदियों का जलस्त्रोत पड़ोसी राज्य झारखंड से जुड़ा हुआ है. कोडरमा के जंगलों में तेज बारिश हुई है. इस कारण नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. लगातार हुई बारिश से सोन नदी का जलस्तर भी बढ़ा है. पहाड़ के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से सोन नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है.
वहीं, इधर बाढ़ और बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई बांधों के मरम्मत को लेकर कटाव निरोधक समिति का गठन किया गया है. जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. तीन सदस्यीय समिति की गठन किया गया है . इसमें विभाग के मुख्य अभियंता ई. विनय कुमार सिंह, बाढ़ संघर्षात्मक बल, अध्यक्ष नागेंद्र राय और अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार को शामिल किया गया है. साथ ही कहा गया है कि इस वर्ष बाढ़ और अत्यधिक बारिश के कारण कई बांध क्षतिग्रस्त होने की संभावना है . वर्ष 2024 से पूर्व इसकी मरम्मती की आवश्यकता है. इसे देखते हुए उक्त समिति सभी स्थलों का निरीक्षण करेगी. इसकी रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंपेंगे. इसी आधार पर मरम्मत का कार्य किया जाएगा।. स्थल निरीक्षण के बाद कार्ययोजना को लेकर प्रशासनिक स्तर से अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया जाएगा. ताकि संयुक्त रूप से निरोधात्मक कार्य किया जा सके.
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