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बिहार। बिहार-झारखंड का वांटेड 10 लाख का इनामी नक्सली गिरफ्तार हो गया. बताया जा रहा है कि एसएसबी और पुलिस की टीम ने बिहार-झारखंड के साढ़े 10 लाख के इनामी नक्सली जोनल कमांडर अभिजीत यादव उर्फ बनवारी जी उर्फ महावीर यादव उर्फ गोरा (पिता सोनू यादव) को एक अन्य साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया. अभिजीत पर बिहार-झारखंड के विभिन्न थानों में 68 मामले दर्ज हैं. गया जिले में सात मामले दर्ज हैं. वह झारखंड के पलामू जिले के छतरपुर थाना क्षेत्र स्थित तिलैया गांव का रहनेवाला है. इस पर बिहार सरकार ने 50 हजार और झारखंड ने 10 लाख रुपये इनाम घोषित कर रखा था.
उसके साथ गिरफ्तार एक नक्सली कुंदन यादव (पिता ललन यादव) पलामू के ही हरिहरगंज थाने के बरवादेउरी गांव का रहनेवाला है. यह जानकारी गया एसएसपी हरप्रीत कौर ने शनिवार को अपने कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान दी. एसएसपी ने बताया कि औरंगाबाद जिले में आइइडी लगा कर सात जवानों को शहीद करने के मामले में भी अभिजीत यादव आरोपित है. गया जिले के धनगाईं थाने के एक जंगल से गिरफ्तार किया गया है. सूचना मिली थी कि गया-औरंगाबाद के इलाके में दोनों कोई बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए पहुंचे हैं. अभिजीत के माध्यम से कई बार लेवी वसूलने की बात सामने आ रही थी. इसके लिए जानकारी जुटायी जा रही थी.
एसएसपी ने कहा कि अन्य राज्यों से भी संपर्क कर इसके आपराधिक इतिहास के बारे में पता लगाया जा रहा है. जानकारी मिली है कि वह सबसे पहले 2009 में नक्सली संगठन में सदस्य के रूप में शामिल हुआ था. इसका पद नक्सली संगठन में बढ़ते-बढ़ते नवंबर 2022 में जोनल कमांडर बन गया. इसका इलाका चतरा, पलामू व गया रहा है.
एसएसपी ने बताया कि एसएसबी के 29 बटालियन के कमांडेंट हरिकृष्ण गुप्ता को सूचना मिली कि झारखंड-बिहार की सीमा पर कई कांडों में शामिल खुंखार नक्सली अभिजीत गया जिले के धनगाईं थाने के बेलाकुंभी दुआरी जंगरी में किसी से मिलने वाला है. इसके बाद उप कमांडेंट आमोद कुमार, सहायक कमांडेंट रामवीर कुमार, रवि कुमार व एसएसबी बल के साथ एक टीम का गठन कर धनगाईं थानाक्षेत्र में सर्च अभियान चलाया गया. शनिवार की सुबह दुकारी गांव के पास जंगल में अभिजीत यादव के साथ एक अन्य सहयोगी को हथियार व अन्य सामान के साथ गिरफ्तार किया गया. इसमें एसएसबी व जिला पुलिस का बेहतर सहयोग रहा.
Admin4
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