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बिहार। बिहार में फिर एकबार एक छात्र ने अपनी मेहनत के अनुरूप परीक्षा में परफॉर्म नहीं कर पाने के कारण निराश होकर अपनी जिंदगी समाप्त कर ली. बीपीएससी इंजीनियरिंग की परीक्षा देकर लौटे बीटेक के छात्र निशांत प्रकाश ने घर के कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.
पंचशील नगर में गुरुवार की रात बीटेक के छात्र निशांत प्रकाश (33 वर्षीय) ने रस्सी के सहारे पंखे से झूल कर आत्महत्या कर ली. इसकी जानकारी शुक्रवार की अहले सुबह हुई, जब उसकी मां कमरे में झाडू लगाने के लिए गयीं. इसके बाद इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी. पुलिस ने अनुमंडलीय अस्पताल में पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया.
पीएमसीएच से नेत्र विभाग से मेडिकल सुपरिटेंडेंट पद से रिटायर्ड डॉ राम खेलावन चौधरी ने बताया कि पुत्र निशांत प्रकाश बीटेक करने के बाद बीपीएससी की तैयारी कर रहा था. गुरुवार को पटना में बीपीएससी इंजीनियरिंग की परीक्षा देकर शाम को लौटा.सब परिवार के साथ चाय-नाश्ता व खाना खाकर वह पहली मंजिल पर पढ़ने चला गया. शुक्रवार को भी द्वितीय पेपर की परीक्षा थी. इसलिए हमलोगों ने उसे अहले सुबह नहीं उठाया. सुबह मेरी पत्नी ऊपर की मंजिल में झाडू लगाने गयी तो देखा कि पुत्र निशांत का कमरा बंद है.
बताया कि कई बार आवाज देने पर भी निशांत ने दरवाजा नहीं खोला. निशांत की मां ने पास स्थित खिड़की से नजर डाली तो उसके होश उड़ गये. उसके चिल्लाने पर हम सभी भागकर उसके कमरे में पहुंचे तो देखा कि निशांत रस्सी के सहारे पंखे से झूल रहा था. उन्होंने बताया कि बीपीएससी की परीक्षा देने के बाद वह काफी गुमसुम सा था. शायद पेपर ठीक नहीं गया होगा. इसलिए उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया. कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.
इसकी जानकारी तब हुई, जब उसी के कमरे में रहने वाला सीतामढ़ी का ही एक अन्य युवक बाथरूम जाने के लिए उठा. उसने देखा कि बेड पर दीपू नहीं है. इसके बाद वह बाथरूम का दरवाजा खटखटाया, लेकिन न ही किसी ने दरवाजा खोला और न ही कोई आवाज आयी. इसके बाद युवक ने जब बगल के वेंटिलेटर से देखा, तो वह दंग रह गया. दोस्त ने तुरंत इसकी सूचना मकान मालिक को दी, जिसके बाद दरवाजा तोड़ा गया.
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