बिहार

मरीजों का सहारा नहीं बन सका विश्राम सदन

Admin Delhi 1
19 Jan 2023 6:57 AM GMT
मरीजों का सहारा नहीं बन सका विश्राम सदन
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दरभंगा न्यूज़: डीएमसीएच पावर ग्रिड विश्राम सदन के उद्घाटन के दो महीने बाद भी मरीजों के परिजन वहां चैन से रात गुजारने के इंतजार में टकटकी लगाए बैठे हैं. उद्घाटन के बाद चार मंजिले भवन में फार्मेसी और रेस्टूरेंट तो खोल दिए गए, पर हाड़ कंपकंपाने वाली ठंड में परिजनों को चैन से रात बिताने की व्यवस्था अभी तक कागजों तक ही है.

भवन के दो मंजिलों पर दरभंगा मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी, बायो केमिस्ट्री और फिजियोलॉजी विभागों का संचालन हो रहा है. विश्राम सदन कहलाने वाले भवन में परिजनों के रुकने के लिए अब केवल दो मंजिलों पर मौजूद कमरे उपलब्ध हैं. परिजनों को कमरे उपलब्ध कराने की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं होने के कारण दरभंगा जिले के अलावा मधुबनी, समस्तीपुर समेत उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों से आने वाले लोग गायनी, मेडिसिन, ऑर्थों व शिशु विभाग के बरामदे और अस्पताल के गलियारे में ठहरकर अपने मरीजों के स्वस्थ्य होने का इंजातर करते हैं.

गायनी विभाग के विभिन्न वार्डों में महिलाओं के बीच पुरुष परिजन भी दिन और रात गुजारते हैं जबकि डीएमसीएच परिसर में 260 बेड का पावर ग्रिड विश्रामालय सदन अति आधुनिक सुविधाओं से लैस है. जिन परिजनों के रहने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के सीएसआर फंड से 14 करोड़ की लागत से भवन बनाया गया उन्हें ही अभी तक इसका लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ है.

फर्श पर रात गुजारते हैं मरीजों के परिजन

ऑर्थो विभाग में इलाज करा रहे सीतामढ़ी के मरीज के परिजन गणेश राय, बहेड़ी के प्रमोद कुमार, मधुबनी जिले के संजय कुमार, सिंघवाड़ा के नागेश्वर सहनी व बेनीपट्टी के विनोद ठाकुर ने बताया कि अस्पताल के बरामदे, मरीज के बेड के नीचे आदि जगहों पर चादर बिछाकर किसी तरह से सो लेते हैं. वहीं, गायनी विभाग में मरीज का इलाज करा रहे झंझारपुर के महेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में परिजनों के रहने की व्यवस्था होती तो रात इस बरामदे पर नहीं गुजारनी पड़ती.

केंद्रीय मंत्री की घोषणा के बावजूद अमल नहीं

विश्राम सदन के उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय विद्युत नवीन व नवीकरण ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने घोषणा की थी कि वहां सिर्फ परिजन ही रहेंगे. उनके लिए सस्ती दर पर रहने के साथ ही खाने की भी व्यवस्था रहेगी. लेकिन अस्पताल प्रशासन अब तक यहां परिजनों के ठहरने की व्यवस्था नहीं करा सका है. चार मंजिला विश्राम सदन में कुल 56 कमरे हैं. इसमें 260 बिस्तरों के लगाने की व्यवस्था है. इसके अलावा वेटिंग लाउंज, हॉल, लिफ्ट, पार्किंग है.

परिजनों को जल्द ही विश्राम सदन में बेड उपलब्ध कराए जाएंगे. स्टाफ के लिए निविदा निकाली गई थी. निविदा के आधार पर लहेरियासराय की एजेंसी को स्टाफ उपलब्ध कराने का जिम्मा मिल चुका है. उनकी ओर से स्टाफ की व्यवस्था होते ही विश्राम सदन का लाभ मरीजों को मिलने लगेगा.

-डॉ. हरेन्द्र कुमार,

उपाधीक्षक डीएमसीएच

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