मोतिहारी: पताही प्रखंड के जिहुली, पदुमकेर, देवापुर आदि पंचायत के लोग इस बार बाढ़ की आशंका से का़फी भयभीत हैं. अभी से ही तैयारी में जुट गए हैं. तीस वर्ष पूर्व टूटे देवापुर-बेलवा बांध का अभी तक निर्माण नहीं होने से पताही प्रखंड क्षेत्र के लोग इस वर्ष का़फी भयभीत हैं. इस क्षेत्र के लोग वर्ष 1993 से प्रतिवर्ष बाढ़ की विभीषिका झेलते आ रहे हैं. नेपाल से निकलने वाली लालबकेया व बगमती के संगम स्थल देवापुर घाट का बांध तीस वर्ष पूर्व लगभग दो किलोमीटर तक ध्वस्त हो गया था जिसके बाद पताही व शिवहर में उक्त टूटे तटबंध से प्रतिवर्ष बाढ़ का पानी ़फैल कर का़फी नुकसान पहुंचता रहा है .
पर इस वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विगत मई महीने में टूटे बांध का निरीक्षण कर जल्द निर्माण के लिए विभागीय आदेश दिया. तत्पश्चात विभाग द्वारा शिवहर जिले के अधीन आने वाले बांध का निर्माण बहुत तेजी से कार्य कर पूरा कर लिया गया है लेकिन पूर्वी चम्पारण में पड़ने वाले टूटे बांध का अभी तक कार्य नहीं किया गया है . जिसके कारण इस बार दोनों नदियों के बाढ़ के पानी का रास्ता पूर्वी चम्पारण क्षेत्र के टूटे हुए बांध से ही निकलेगा जो की पताही प्रखंड के देवापुर, जिहुली, पदुमकेर,जरदहा, गम्हारिया, गोनाही होते हुए कोदरिया, फेनहरा, मधुबन तक तबाही मचा सकती है. हालांकि डीएम सौरभ जोरवाल व पकड़ीदयाल अनुमंडल पदाधिकारी कुमार रविंद्र व पताही अंचलाधिकारी सौरव कुमार ने विगत एक माह पूर्व टूटे तटबंध का निरीक्षण कर जल्द निर्माण की बात बताई थी. स्थानीय लोगों की माने तो बांध निर्माण में जिनलोगों का जमीन अधिग्रहण होना है उनका पेमेंट अभी तक भू अर्जन विभाग द्वारा नहीं किया गया है. अधिकतर जमीन वर्तमान के भू मालिकों के पिता या दादा या परदादा के नाम पर है . जबकि विभाग द्वारा तबतक पेमेंट नहीं दिया जायेगा जबतक जमीन वर्तमान भू स्वामी के नाम पर जमीन न आ जाये. इन्ही सब कारणों से अभी तक पूर्वी चम्पारण क्षेत्र मे बांध निर्माण कार्य नहीं हो सका और बरसात व बाढ़ आने का समय भी आ गया. जिससे क्षेत्र के लोग का़फी भयभीत हैं .