बिहार

आरक्षण किसी की दया या भीख का मोहताज नही : मोहन साह

Shantanu Roy
7 Oct 2022 6:14 PM GMT
आरक्षण किसी की दया या भीख का मोहताज नही : मोहन साह
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बड़ी खबर
सहरसा। बिहार में अति पिछड़ा का आरक्षण किसी की दया या भीख का मोहताज नहीं है। इस समाज ने इसके लिए वर्षो से संघर्ष एवं लड़ाई लड़ी है। आंदोलन किए गए थे। सड़कों पर संघर्ष हुआ था। उक्त बातें वैश्य समाज सहरसा के जिलाध्यक्ष मोहन प्रसाद साह ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने कहा कि स्व. कर्पूरी ठाकुर ने अति पिछड़ा आरक्षण लागू किया था। अब कोई भी सरकार आँकड़ा न होने का बहाना करके उसे छीन नहीं सकती। बिहार में आरक्षण को लेकर अब सामाजिक संतुलन बन चुका है।
पूरा समाज अति पिछड़ा आरक्षण को स्वीकार कर चुका है। ऐसी विषम स्थिति में पुनः यह उजागर करना दुर्भाग्यपूर्ण है। अब उसमें छेड़छाड़ कर रहे लोग समाज को दिग्भ्रमित करने का काम कर रहे हैं ये लोग अमन चैन के विरोधी हैं। वैश्य समाज के जिला प्रवक्ता राजीव रंजन साह ने कहा कि किसी भी हालत में अति पिछड़ों की हकमारी बर्दाश्त नहीं होगी। वैश्य समाज विभिन्न अतिपिछड़ी जातियों के लेकर संघर्ष मोर्चा गठन कर इसके लिए आंदोलन करेगी। आरक्षण का प्रावधान 2007 में किए गए थे। पिछले 15 वर्षों से इन प्रावधानों पर नगर निकाय चुनाव के तीन चुनाव हो चुके हैं। मुखिया रामचंद्र साह ने कहा कि चुनाव के फिलहाल तत्काल प्रभाव से स्थगन से 4600 नगर निकाय चुनाव के उम्मीदवारों के भविष्य खराब किया है।
उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर आरोप - प्रत्यारोप का दौर जारी है। हमें न्याय चाहिए। बहुत ही संघर्ष के बाद इस समुदाय ने आरक्षण पायी है। राजनीतिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े इस वर्ग को न्याय दिलाने के लिए वैश्य समाज सदैव ही संघर्षशील रहा है। हम सभी का अब एकमात्र विकल्प आंदोलन रह गया है। ताकि वंचितों को न्याय मिल सके। महिषी के पूर्व प्रमुख सीताराम साह ने कहा कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार इस समाज को आरक्षण देना होगा। इस प्रेस कांफ्रेंस मे वैश्य समाज के महासचिव संजय कुमार, राजकिशोर गुप्ता, सुरेश साह, नारायण साह, सीताराम मिस्त्री आदि मौजूद थे।
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