भागलपुर न्यूज़: पॉक्सो और दुष्कर्म जैसे गंभीर कांड के लंबित होने को लेकर पुलिस मुख्यालय गंभीर है. मुख्यालय में भागलपुर सहित सभी जिलों से रिपोर्ट तलब की है जिसमें पूछा गया है कि इस तरह के गंभीर मामले क्यों लंबित हैं. लंबित होने के कारणों को बिंदुवार लिखकर भेजने को कहा गया है. पूछा गया है कि एफएसएल रिपोर्ट के नहीं आने से या फिर समय पर सुपरविजन टिप्पणी जारी नहीं होने की वजह से क्या ऐसे मामले लंबित हैं.
पुलिस मुख्यालय ने याद दिलाया है कि पॉक्सो और दुष्कर्म जैसे गंभीर आपराधिक मामलों का अनुसंधान 60 दिन में पूरा करना जरूरी है. ऐसे में अगर समय से अनुसंधान पूरा नहीं होता है तो उसके पीछे के कारणों को जाने की कोशिश की जा रही है ताकि उसे दूर किया जा सके. अगर मेडिकल रिपोर्ट आने में हुई देरी की वजह से कांड लंबित है तो यह भी बताना होगा. दुष्कर्म और पक्षों के साथ ही एससी-एसटी के मामलों को लेकर भी पुलिस मुख्यालय ने इसी तरह की गंभीरता दिखाई है और उन मामलों के लंबित होने के कारणों से संबंधित भी रिपोर्ट तलब की गई है.
भागलपुर में पॉक्सो के 500 से अधिक मामले लंबित: भागलपुर जिले की बात करें तो यहां पॉक्सो के 500 से अधिक मामले लंबित चल रहे हैं. भागलपुर व्यवहार न्यायालय में पॉक्सो विशेष अदालतों में यह मामले लंबित हैं. एक अदालत में 280 मामले लंबित हैं जिनमें 60 ऐसे मामले हैं जिनमें पुलिस ने चार्जशीट ही समर्पित नहीं किया है. एक और अदालत में पॉक्सो के 253 मामले लंबित बताए गए हैं. पॉक्सो की अदालतों में विशेष पॉक्सो अधिवक्ता नरेश राम और शंकर जयकिशन मंडल ने बताया कि कई कारणों से ऐसे मामले लंबित हैं. कई कांडों में समय पर गवाही नहीं होने से भी कांड लंबित हैं. उन्होंने कहा कि लंबित कांडों के निष्पादन को लेकर पुलिस और अभियोजन पक्ष मिलकर काम कर रहे हैं.