बिहार

सरयू नदी के जलस्तर में लगातार कमी के बाद किसानों को राहत

Harrison
9 Oct 2023 2:05 PM GMT
सरयू नदी के जलस्तर में लगातार कमी के बाद किसानों को राहत
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बिहार | सरयू नदी के जलस्तर में लगातार गिरावट के बाद निचले इलाकों में जहां बाढ़ का खतरा टल गया है. वहीं नदी इलाकों में सरयू नदी के तेजधार से कटाव की संभावनाएं और बढ़ गई है.
ग्रामीणों की मानें तो अभी तक नदी द्वारा नई जगहो पर कटाव नहीं शुरू किया गया है. ग्रामीणों का कहना था कि अमूमन अक्टूबर महीने में सरयू नदी का जलस्तर इतना सामान्य नहीं रहता है. उनकी माने तो पिछले साल अक्टूबर में सरयू नदी द्वारा 1998 के जलस्तर को भी तोड़ दिया गया था. ग्रामीणों का कहना है कि अक्टूबर महीने में नदी के जलस्तर न बढ़ने से उन्हें रवि मौसम में खेती के फायदे होंगे. जबकि, कुछ जगहों पर ग्रामीणों ने खेतों की जुताई भी शुरू कर दिया है. एसडीओ चंद्रमोहन झा का कहना है कि नदी के द्वारा अभी कोई नया मूवमेंट नहीं देखने को मिल रहा है. जलस्तर काफी सामान्य है.
खेती को लेकर स्थानीय लोगों के सता रही है चिंता सरयू नदी में आई बाढ़ से जहां फसलों को भारी नुकसान हुआ. वहीं आगामी खेती पर भी काफी असर पड़ेगा. ग्रामीणों को चिंता इस बात की है कि गेहूं, सरसों, आलू, गोभी, लहसुन, मुल्ली, प्याज की खेती काफी पिछड़ जाएगी. वही निचले इलाकों में जलजमाव के बाद गेहूं की फसल बोना असंभव सा लगता है. स्थानीय लोगों को चिंता इस बात की भी सता रही है की खेतों में लगे पानी से लगने वाले फसलें भी सड़ जाएंगी. इससे किसानों को दोगुना घाटा लगेगा.
बाढ़ से किसानों की खेती पर पड़ेगा प्रभाव
सरयू नदी में आई बाढ़ ने जहां आम आदमी को प्रभावित किया है. वही इसका सबसे अधिक प्रभाव आगामी मौसम के खेती पर पड़ेगा. जिसमे किसानो द्वारा बोए जाने वाले फसलों में गेहूं, सरसों, मटर, आलू, लहसुन, मैथी, मुल्लि, शामिल है. उनका कहना है की पानी लगने से खेती योग्य भूमि पर जलजमाव हो गया है. जिसपर वहां खेती करना मुनासिब नहीं है. वहां जलजमाव, दलदली, जलकुंभी, खरपतवार से खेती करना मुनासिब नहीं है. वही मक्का, अरहर, तिल, की फसलों को बाढ़ से नुकसान हुआ है.
किसानों को रबी फसल के लिए भी सरकार द्वारा अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराए जाएंगे. वहीं, उससे बेहतर उत्पादन के लिए भी उन्हें जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.
बिक्रमा मांझी,
बीएओ
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