मधुबनी: जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार ‘शांतिधार योजना’ को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिलने पर जिले के लोगों में हर्ष है. इस योजना से जिले के बड़े इलाके में बाढ़ और जलजमाव का प्रभाव कम होगा तथा किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी.
इस योजना के तहत बागमती नदी के अधिशेष जल को समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत ग्राम घोघराहा के पास से निकलने वाले शांतिधार के रास्ते खानपुर प्रखंड अंतर्गत त्रिमुहानी ग्राम के पास बूढ़ी गंडक नदी में मिलाया जाएगा. योजना पर 120.96 करोड़ रुपये खर्च होंगे. जल संसाधन तथा सूचना व जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के अंदर की नदियों को जोड़ने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अवधारणा के अनुरूप यह योजना तैयार की गई है.
मंत्री ने कहा कि इस योजना से दरभंगा जिले के बहेड़ी और हायाघाट तथा समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर, वारिसनगर, खानपुर, रोसड़ा और सिंघिया प्रखंडों के निवासियों को बाढ़ से राहत के साथ-साथ सिंचाई सुविधा का सीधा लाभ मिलेगा. उक्त प्रखंडों के कुल 39,350 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड में सोरमारहाट-हायाघाट तटबंध के किमी 5.40 पर शांतिधार (बागमती नदी की मृत धार) मिलती है. जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार योजना के तहत इस स्थल पर 15 हजार क्यूसेक जलस्राव क्षमता वाले एंटी फ्लड स्लूईस का निर्माण कराने के साथ-साथ शांतिधार की सेक्सनिंग कर उसे पुनर्जीवित किया जाएगा और उसके रास्ते बागमती नदी के अधिशेष जल को नियंत्रित रूप से बूढ़ी गंडक नदी में भेजा जाएगा.
इसके अलावा प्रस्तावित आरके अपस्ट्रीम तथा डाउन स्ट्रीम में दोनों साईड प्रोटेक्शन कार्य भी कराया जाएगा. इससे दरभंगा और समस्तीपुर जिले में बागमती नदी की बाढ़ का प्रभाव काफी कम हो जाएगा. इसके साथ ही विभाग द्वारा चिह्नित छह स्थानों पर सड़क पुल का भी निर्माण कराया जाएगा. सूबे के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने ‘शांतिधार योजना’ को मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जल संसाधन व पीआरडी मंत्री संजय झा को साधुवाद दिया है.