बिहार

कोरोना से राहत : बिहार में लगातार संक्रमितों की संख्या में कमी, ठंड सेअधिक तो कोविड से कम हुई मौत

Renuka Sahu
23 Jan 2022 4:45 AM GMT
कोरोना से राहत : बिहार में लगातार संक्रमितों की संख्या में कमी, ठंड सेअधिक तो कोविड से कम हुई मौत
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फाइल फोटो 

बिहार में लगातार पांचवें दिन कोरोना संक्रमण के कम मामले मिले। राज्य में शनिवार को 3003 नये कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की गई।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में लगातार पांचवें दिन कोरोना संक्रमण के कम मामले मिले। राज्य में शनिवार को 3003 नये कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की गई। राज्य में 18 जनवरी को 4551, 19 जनवरी को 4063, 20 जनवरी को 3475, 21 जनवरी को 3009 नये संक्रमित मरीजों की पहचान की गयी थी।

राज्य में पिछले 24 घंटे में 1 लाख 51 हजार 121 सैंपल की कोरोना जांच की गयी और संक्रमण दर 1.99 फीसदी रही। एक दिन पूर्व राज्य में संक्रमण दर 1.97 फीसदी थी। इसके पूर्व राज्य में 07 जनवरी को 3048 नये संक्रमित और कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 28 मई, 2021 को 3069 नये संक्रमित मरीजों की एक दिन में पहचान हुई थी।
तीसरी लहर में ठंड से अधिक तो कोविड से कम लोग मरे
कोरोना संक्रमण की तीसरे लहर में श्मशान घाटों पर इस बार कोरोना से मरने वालों की संख्या बहुत कम रही। पिछले एक सप्ताह के आकड़े तो यही कह रहे हैं। वहीं इस बार कोरोना संक्रमण के बजाए ठंड से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। हालांकि ठंड में सामान्य मौतों की संख्या बढ़ना कोई नई बात नहीं है। शहर के तीन प्रमुख शमशान घाट बांस घाट, गुलबी घाट और खाजेकला घाट पर 14 से 21 जनवरी के बीच कुल 331 डेड बॉडी जलायी गयी। तीनों घाटों पर सात दिनों में कोरोना से संक्रमित 35 शव जलाए गए हैं।
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दूसरी लहर जब उपनी उच्चतम स्तर पर थी तब 28 अप्रैल 2021 को तीन घाट पर सिर्फ एक दिन में 100 से अधिक शव जले थे। इस बार जहां लोगों की मौत दूसरी लहर की तुलना में बुहत कम रही वहीं ठंड के कारण अधिकांश लोगों की मौत हुई है। ठंड में मरने वालों में सामान्य मौतों में एक से अधिक बीमारी वाले और जिनका शुगर और ब्लड प्रेशर वाले मरीज ही ज्यादा था। सामान्य मौत में उम्र दराज वाले भी शामिल हैं। वहीं कोरोना से संक्रमित सबसे अधिक शव बांस घाट पर 18, गुलबी घाट पर 13 और खाजेकला घाट पर चार शव जलाए गए हैं।
सभी घाटों पर कोविड हो या नन कोविड शव दोनों लकड़ी और विद्युत पर जलाए जा रहे हैं। घाट पर स्थिति कर्मियों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में सामान्य मौत के शवों की संख्या थोड़ी सी बढ़ी है। इस दौरान कड़ाके की ठंड पड़ी इसका भी कारण हो सकता है।
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