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बिहार के सभी हिस्सों में मानसून सक्रिय है। अगले 24 घंटों के दौरान बिहार के सभी जिलों में बारिश होने का अनुमान है। तो वहीं अररिया, किशनगंज, सुपौल में भारी बारिश होने के आसार हैं। पूर्वी-पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, कटिहार, गया, बांका, जमुई, गया समेत 23 जिलों में तेज हवा के साथ वज्रपात का अनुमान है।
मौसम विभाग के मुताबिक ट्रफ रेखा गोरखपुर, मुजफ्फरपुर, जलपाईगुड़ी, असम, नागालैंड से होते हुए बांग्लादेश की तरफ जा रही है। इससे बिहार के सभी हिस्से में बारिश का सिस्टम सक्रिय हुआ है। इस दौरान दिन का पारा 32 से 35 डिग्री और रात का तापमान 26 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है।
वहीं, पटना में 9 सितंबर तक मानसून सक्रिय रहेगा। आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
पटना में होगी हल्की बारिश
पटना में शनिवार को दिन की शुरुआत हल्की धूप से हुई। साढ़े नौ बजे आसमान पर बादल छा गए और बारिश हुई। इससे दिन का पारा सामान्य के करीब रहा। मौसम विभाग के मुताबिक पटना में 9 सितंबर तक मानसून सक्रिय रहेगा। इस दौरान हल्के बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने के आसार है। शनिवार को पटना में अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री दर्ज किया गया। रविवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री रहने का अनुमान है।
बिहार की ज्यादातर नदियां का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया गया है। राज्य के 4 जिलों में सब से बाढ़ वाली स्थिति बनी हुई है। इस जिलों में बेगूसराय, सहरसा, मुंगेर और लखीसराय के निचले इलाके शामिल हैं।
बेगूसराय में बाढ़ के पानी आने से जनजीवन पूरी तरह से हुई अस्त-व्यस्त। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के घर में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे वहां रह रहे लोगों घर छोड़कर पलायन करने को है मजबूर।
इधर, सहरसा में कोशी नदी में कटाव लगातार जारी है। तटबंद के आसपास रह रहे लोगों रात भर सो नहीं पा रहे। लोग पलायन करने को मजबूर। कुछ लोग तो अपना घर छोड़ कर कही और जा कर रह रहे है। कुछ ग्रामीण अपने आसपास ऊंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन पर इस विकट परिस्थिति में लापरवाही का भी आरोप लगाया।
मुंगेर में भी बाढ़ अपना कहर बरपा रहा है। अब बाढ़ के कारण ग्रामीणों का दर्द भी छलकने लगा है। स्थिति इसने बद्तर हो गई है की बाढ़ में रह रही महिलाओं के लिए शौचालय तक की समस्या सामने आने लगी है। वहां रह रहे लोगों को साफ पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा।
वहीं लखीसराय में गंगा के जलस्तर मे लगातार वृद्धि से ग्रामीणों के बीच डर बना हुआ है। गंगा के बढ़ रहे जलस्तर से सब से ज्यादा पिपरिया और बड़हिया प्रखंड के कई इलाके प्रभावित हुए हैं। वहा रह रहे लोगों के पास फिलहाल ना रहने को घर है ना खाने को राशन। साफ पानी के लिए भी लोग तरस गए है। वहां के लोगों में जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है।
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