बिहार

रेलवे का ''ऑपरेशन आहट'' बन गया है मानव तस्करी रोकने का बड़ा माध्यम

Shantanu Roy
3 Aug 2022 12:23 PM GMT
रेलवे का ऑपरेशन आहट बन गया है मानव तस्करी रोकने का बड़ा माध्यम
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बेगूसराय। मानव तस्करी के खिलाफ रेल मंत्रालय की आरपीएफ द्वारा चलाये जा रहे ऑपरेशन आहट के तहत पूर्व मध्य रेलवे में जुलाई में 65 नाबालिगों को मुक्त कराया गया है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि पूर्व मध्य रेल के पांचों मंडलों में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा पैन इंडिया ड्राइव में ऑपरेशन आहट के तहत जुलाई में चलाए गए विशेष अभियान में 15 ह्यूमन ट्रेफिकर को गिरफ्तार करते हुए 63 नाबालिग लड़कों तथा दो नाबालिग लड़कियों को ह्यूमन ट्रेफिकर के चंगुल से मुक्त कराया गया। इस अभियान के दौरान रेल गाड़ियों एवं रेल परिसर से पांच पुरुष, छह महिला, 105 लड़के एवं 41 लड़कियों को भी रेस्क्यू किया गया तथा अग्रिम कार्रवाई के लिए चाइल्ड लाइन को सुपुर्द किया गया। उन्होंने बताया कि यौन शोषण, देहव्यापार, जबरन मजदूरी, जबरन शादी, घरेलू बेगारी, गोद देना, भीख मंगवाना, अंगों का प्रत्यारोपण करवाना, मादक पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान भिजवाने के लिए महिलाओं तथा बच्चों की मानव तस्करी संगठित अपराध है। यह मानवाधिकार के हनन का सबसे घृणित नमूना है। देश का प्रमुख यातायात तंत्र होने के नाते भारतीय रेल को मानव तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, ट्रेन के माध्यम से पीड़ितों को उनके मूलस्थान से उठाकर अन्य गंतव्यों तक ले जाया जाता है।

कमान और नियंत्रण की एक संगठित अवसंचरना होने के नाते आरपीएफ की पहुंच पूरे देश में है। समय बीतने के साथ-साथ आरपीएफ ने यात्रियों की सुरक्षा सम्बंधी शिकायतों का समाधान करने की कारगर प्रणाली विकसित कर लिया है। पिछले पांच वर्षों में 2017 से 2021 के दौरान आरपीएफ ने 2178 लोगों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। इसके साथ ही 65 हजार से अधिक बच्चों, महिलाओं एवं पुरुषों को बचाया तथा उन्हें सुरक्षा दी। स्टेशनों और गाड़ियों में रणनीतिक तैनाती, पूरे देश में पहुंच और पुलिस की मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) तथा अन्य इकाइयों के प्रयासों में तेजी लाने वाली प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए आरपीएफ ने हाल में मानव तस्करी के विरुद्ध ''ऑपरेशन आहट'' (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) अभियान शुरू किया। इस पहल के तहत आरपीएफ ने देशभर में 750 एएचटीयू की स्थापना की है। यह इकाई पुलिस, थानों में कार्यरत एएचटीयू, जिला एवं राज्य स्तरों पर, खुफिया इकाइयों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करेगी तथा रेलगाड़ियों के माध्यम से होने वाली मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। हाल में आरपीएफ ने एसोसियेशन ऑफ वॉलंटेरी ऐक्शन (एवीए) नामक गैर-सरकारी संगठन के साथ समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इस संगठन को बचपन बचाओ आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है। यह संगठन प्रशिक्षण के माध्यम से आरपीएफ की सहायता करेगा तथा आरपीएफ को मानव तस्करी के संबंध में सूचना भी देगा।
सीपीआरओ ने बताया कि इन प्रयासों में तेजी लाने के लिए मानव तस्करी के खिलाफ रेलवे के द्वारा जुलाई में महीने भर अभियान चलाया गया। आरपीएफ की क्षेत्रीय इकाइयों को सलाह दी गई थी कि वे राज्य पुलिस, स्थानीय कानूनी एजेंसियों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय बनाकर काम करें। जिससे तस्करी रोकने एवं तस्करी के मामलों के संबंध में मिली सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। विभिन्न राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस से भी आग्रह किया गया कि वे आरपीएफ के साथ संयुक्त कार्रवाई में हिस्सा लें, ताकि इस दिशा में समवेत प्रयास हो सके। इस दौरान ऑपरेशन आहट में 151 नाबालिग लड़कों, 32 नाबालिग लड़कियों और तीन महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया। साथ ही 47 मानव तस्कर भी धरे गये। इस अभियान ने सभी हितधारकों को साथ आने का मंच उपलब्ध कराया, ताकि वे रेल के जरिए होने वाली मानव तस्करी के खिलाफ लामबंद हो सकें। अभियान के दौरान विभिन्न एजेंसियों और हितधारकों के बीच विकसित समझ से भविष्य में भी मानव तस्करी के खिलाफ चलने वाली कार्रवाई में मदद मिलेगी।
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