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बिहार | निजी प्रतिष्ठानों से सेस (कर) की वसूली के लिए श्रम संसाधन विभाग धावा दल का गठन करेगा. दस लाख रुपए से अधिक का निर्माण करने पर एक फीसदी सेस की वसूली सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने यह निर्णय लिया है. अभी राज्य में निजी निर्माण से सेस की वसूली मात्र छह फीसदी हो रही है.
अधिकारियों के मुताबिक नियमानुसार 10 लाख से अधिक के निर्माण कार्य पर एक फीसदी लेबर सेस की वसूली की जानी है. सरकारी विभागों की ओर से होने वाले निर्माण कार्यों में लेबर सेस की वसूली आसानी से हो जाती है. 10 लाख से अधिक की परियोजना पर संबंधित विभाग निर्माण कार्य की प्राक्कलित राशि में से एक फीसदी श्रम संसाधन विभाग को हस्तांतरित कर देता है. भवन, सड़क, पुल-पुलिया सहित सभी सरकारी निर्माण में लेबर सेस मिलने में कोई परेशानी नहीं हो रही है. मूल परेशानी निजी निर्माण में सेस वसूलने में हो रही है. विभाग के पास ऐसा कोई मैकेनिज्म (तंत्र) नहीं है कि वह निजी निर्माण कार्यों में एक फीसदी सेस वसूल सके. बड़े-बड़े अस्पताल, प्रतिष्ठान, मॉल, अपार्टमेंट में कभी-कभार विभाग पहल कर लेबर सेस वसूलने की कोशिश करता है पर इसमें असफल हो जा रहा है. इसलिए विभाग ने लेबर सेस की वसूली के लिए धावा दल गठित करने का निर्णय लिया है. इस दल में विभाग के जिलास्तरीय अधिकारी रहेंगे. यह दल औचक रूप से शहर में हो रहे निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेगा. अधिकारियों की ओर से निर्माण करने वाले लोगों को एक फीसदी सेस जमा करने को कहा जाएगा. उन्हें यह भी बताया जाएगा कि लोग चाहें तो वे विभाग के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन भी सेस जमा कर सकते हैं.
निकायों की भी सहायता लेगा विभाग
लेबर सेस की वसूली के लिए विभाग नगर निकायों की भी सहायता लेगा. निजी निर्माण में रेरा और नगर निगमों के माध्यम से ही लेबर सेस की वसूली सुनिश्चित करने की तैयारी चल रही है. चूंकि मकान, संस्थान हो या अपार्टमेंट, नक्शे की मंजूरी रेरा और नगर निगमों से उसकी मंजूरी दी जाती है. मंजूरी के दौरान उस पर खर्च होने वाली अनुमानित राशि का भी उसमें ब्योरा होता है. इसलिए विभाग निगम और रेरा के माध्यम से नक्शा की मंजूरी के समय ही एक फीसदी लेबर सेस की वसूली सुनिश्चित करेगा.
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