बिहार

खरमास के पहले रेचल आएंगी ससुराल, बहू के स्वागत की तैयारी के लिए राबड़ी देवी पटना पहुंचीं

Renuka Sahu
12 Dec 2021 6:32 AM GMT
खरमास के पहले रेचल आएंगी ससुराल, बहू के स्वागत की तैयारी के लिए राबड़ी देवी पटना पहुंचीं
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फाइल फोटो 

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी छोटी बहू के स्वागत की तैयारी के लिए पटना पहुंच गईं। वह शनिवार शाम पटना पहुंचीं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी छोटी बहू के स्वागत की तैयारी के लिए पटना पहुंच गईं। वह शनिवार शाम पटना पहुंचीं। लेकिन, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के रविवार को पटना आने की संभावना कम है। राबड़ी देवी ने उन्हें सलाह दी है कि बेटी और बहू का प्रवेश और विदाई दोनों रविवार को नहीं होती है।

सोमवार को आएंगे रेचल-तेजस्वी
हालांकि अभी इस मामले में परिवार के सदस्य सलाह कर रहे हैं। लेकिन, उम्मीद है तेजस्वी सोमवार को ही पत्नी के साथ पटना आएंगे और खरमास के पहले दस सर्कुलर रोड में नई बहू का प्रवेश हो जाएगा। दिल्ली में शादी का कार्यक्रम खत्म होने के साथ ही तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी के पटना आने पर परिवार में मंथन शुरू हो गया।
खरमास से पहले बहु का शुभ प्रवेश
14 दिसम्बर से खरमास आरंभ हो जाता है। ऐसे में उसके पहले ही नई बहू का राबड़ी आवास में प्रवेश होना तय है। पहले 12 दिसम्बर की तारीख तय हुई, लेकिन रविवार होने के कारण राबड़ी देवी ने इसपर आपत्ति जताई। ऐसे में संभव है तेजस्वी और उनकी पत्नी के पटना आने का कार्यक्रम एक दिन टल सकता है और संभव है कि दोनों सोमवार को पटना आएं।
नये साल में बहुभोज
बहुभोज का कार्यक्रम नये साल में ही होगा, वह भी कोरोना की स्थिति को देखने के बाद। बहरहाल, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अपने छोटे बेटे और बहू के स्वागत की तैयारी के लिए शनिवार को ही पटना पहुंच गईं। पार्टी सूत्रों के अनुसार शादी का भोज पटना में होगा। इसको लेकर तारीख जल्द तय होती, लेकिन दो दिन से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण फिलहाल उसपर विराम लगा दिया गया है। अब खरमास यानी 14 जनवरी तक यह आयोजन नहीं होगा।
दिल्ली में हुई शादी
उल्लेखनीय है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी गुरुवार को परिणय सूत्र में बंध गये। दिल्ली के साकेत स्थित सैनिक फार्म में उनकी शादी हरियाणा की रहने वाली उनकी पुरानी दोस्त के साथ हो गई। दोनों दिल्ली के आरके पुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में साथ पढ़ते थे। शादी कार्यक्रम में इक्के-दुक्के बाहरी लोगों के अलावा केवल परिवार के सदस्य ही शामिल थे।
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