बिहार
मेंटल एबिलिटी के प्रश्न आसान तो गणित- बायोलॉजी के रहे खंड
Ritisha Jaiswal
21 Sep 2023 11:31 AM GMT
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आयोजित परीक्षा सामुहिक एवं सहायक के रूप में छात्र हो गये।
पटना: बिहार न्यूज़ सारिणी में सेन्ट्रल के मेधावी प्रतिभाओं को शामिल किया गया और नीट की तैयारी के लिए शहर के विश्वेश्वर सेमिनरी परीक्षा केंद्र पर कोचिंग की सुविधा के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित परीक्षा सामुहिक एवं सहायक के रूप में छात्र हो गये।
परीक्षा समाप्त होने के बाद क्रेटैच ने कहा कि गणित और जीव विज्ञान के प्रश्न काफी आसान आये थे। समानता को हल करने में काफी समय लगने की बात ने एक स्वर से कहीं। नीट की तैयारी के लिए परीक्षा में लेक्ट्रेट ने बताया कि सेल, फोर्स से संबंधित कई प्रश्न पूछे गए थे। वैशिष्ट्य मेन की तैयारी के लिए परीक्षा में शामिल आढ़तियों ने बताया कि गणित में न्यूमेरिकल से अधिक प्रश्न पूछे गए थे। ओ मैसीकेट पर परीक्षा ली गई परीक्षा समाप्त होने के बाद ओ मैसीकेट शीट और प्रश्न पत्र की वैधता से जमा कर ली गई। बिहार बोर्ड से परीक्षा केंद्र पर 154 से 154 तो मेडिकल संवर्ग के लिए परीक्षा केंद्र पर 154 से 2000 के बीच में ओ-मार्केट व प्रश्न पत्र सील कर दिया गया है, लेकिन छह बोर्ड से परीक्षा केंद्र में ओ-मार्केट व प्रश्न पत्र सील कर दिया गया है। कुल 229 घंटे की परीक्षा दी. विशेश्वर सेमिनरी स्कूल के केंद्राधीक्षक डॉ. रविकांत सिंह ने बताया कि बिहार बोर्ड से मिले दिशा-निर्देशों के अनुसार समीक्षा की गई। परीक्षा की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी अपलोड की गई। विभिन्न संख्या में पुलिस बल की भी प्रतिनियुक्ति की गई थी।
लिखित होने वाले परीक्षण और साक्षात्कार के आधार पर होगा चयन कोचिंग के लिए परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिखित परीक्षण में आएं अंक और साक्षात्कार के आधार पर अंतिम रूप से चयन किया जाएगा। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने कहा है कि 2025 में आयोजित होने वाले इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए दो साल के कोचिंग कार्यक्रम के लिए राज्य के नौ प्रांतीय मुख्यालयों में काम शुरू हो गया है। चयन कर सकते हैं, जो प्रमंडल मुख्यालय में कोचिंग के लिए कहानियाँ हासिल कर चुके हैं। सारण मंडल में विशेश्वर सेमिनरी स्कूल का चयन इस कार्यक्रम के लिए किया गया है।
मलबे ने बोर्ड के एस्ट्रेक्ट को प्लेसमेंट दिया
अपने लाडलो को डॉक्टर-इंजीनियर बनाने की लालसा के साथ परीक्षा के लिए बच्चों के साथ आए डेस्ट्रो ने बिहार बोर्ड के प्रयास की डॉक्टरी की।
उन्होंने कहा कि बिहार बोर्ड के फैसले से आर्थिक रूप से गिरावट को काफी राहत मिलेगी. साथ ही मेधावी बच्चों की ड्रीम बुक को कोई परेशानी नहीं होगी।
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Ritisha Jaiswal
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