गोपालगंज न्यूज़: नगर क्षेत्र में 24 से अधिक अवैध क्लीनिक बगैर निबंधन के चल रहे हैं. इन क्लीनिकों के आगे बड़ा-बड़ा बोर्ड लगा झोला छाप व नीम हकीम मरीजों का इलाज करते हैं. नीम हकीम फर्जी डिग्री लेकर चाइल्ड स्पेशलिस्ट का बोर्ड लगा अवैध रुप से धंधा कर रहे हैं. कुछ जांच केंद्रों की मिली भगत से मनमाना ब्लड रिपोर्ट मंगाकर अनपढ़ गंवार मरीजों से बड़ी बीमारी होने का झांसा देकर मोटी रकम वसूल की जाती है. वहीं, गलत इलाज के चलते ऐसे क्लीनिकों में महीने में 2-4 मरीजों की मौत हो जाती है. इस बात का खुलासा नगर की एक महिला के द्वारा अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण विभाग में शिकायत करने के बाद हुआ है. पीजीआरओ के द्वारा निर्देश मिलने के बाद इस मामले की जांच स्थानीय अधिकारियों ने शुरू की है. सभी क्लीनिक संचालकों से 24 घंटे के अंदर विभिन्न कागजात व डॉक्टरों की डिग्री प्रमाण पत्र की मांग की गई है. अब तक मात्र 03 निजी क्लीनिक के डॉक्टरों ने कागजातों को पीएचसी प्रभारी के पास जमा किया है. अलबत्ता जांच के डर से करीब 12 क्लीनिकों में ताला बंद हो गया है और उसके संचालक व झोला छाप डॉक्टर फरार हो गए हैं.
उधर, अब तक कागजात नहीं जमा करने वाले डॉक्टर व क्लीनिक संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट भेजने को लेकर कारवाई तेज हो गई है. पीएचसी प्रशासन के द्वारा फर्जी डॉक्टर व संचालकों की सूची तैयार की जा रही है.
नकली शीशे के जार में रखे जाते हैं नवजात
नगरवासियों का कहना है कि सरकारी अस्पताल में एसएनसीयू की अबतक व्यवस्था नहीं है. लेकिन, शहर में करीब 12 झोला छाप डॉक्टर चाइल्ड स्पेशलिस्ट का बोर्ड लगाए बैठे हैं. उनकी क्लीनिक व अस्पतालों में नकली शीशे के जार लगाकर एसएनसीयू सुविधा उपलब्ध होने का दावा कर गरीब व अनपढ़ ग्रामीणों का शोषण किया जा रहा है. पीएचसी में होने वाले 95 फीसदी नवजातों को प्रसव के वक्त कचरा पी लेने की बात बता पीएचसी से चुपके से 50 फीसदी कमीशन पर कुछ आशा कार्यकर्ता परिजनों के साथ नवजात को ऐसी क्लीनिकों में पहुंचा देती हैं.
निजी क्लीनिक संचालकों से 24 घंटे के अंदर प्रमाण पत्र व अन्य कागजातों को सुपुर्द करने का निर्देश दिया गया था. तय समय सीमा के अंदर कागजात नहीं जमा करने पर इसकी रिपोर्ट अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण विभाग को भेजी जाएगी.
डॉ. विजय कुमार पासवान, पीएचसी प्रभारी, बरौली