कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन को पूर्णिया एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनके खिलाफ इस्तेहार जारी करने का फरमान जारी किया है। साथ-साथ उनके जमानतदारों को नोटिस भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट की यह कार्रवाई मुकदमा में लगातार गैरहाजिर होने की वजह से की गई है।
इसके पहले पूर्णिया एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनकी जमानत को रद्द करते हुए गिरफ्तारी का वारंट निर्गत किया था। पुलिस ने वारंट को यह कहकर वापस लौटा दिया कि वे घर पर नहीं रहती है। इसके बाद कोर्ट ने दंड प्रक्रिया संहिता, सीआरपीसी की धारा 82 के तहत कार्रवाई कर जमानत की राशि जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की। यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश दिव्यप्रकाश की अदालत में चल रहा है जिसमें उनके पति सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव एवं संतोष यादव भी शामिल हैं।
यह मामला आचार संहिता के उल्लंघन का है। 8 मार्च 2009 को तत्कालीन एसडीओ अश्वनी दत्तात्रेय ठाकरे ने केहाट थाने में कांड सं. 75/09 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी। मुकदमे में कहा गया था कि कटिहार से पूर्णिया आने के क्रम में सांसद पप्पू यादव के लिए अनुमति से अधिक वाहनों का इस्तेमाल किया गया। साथ ही प्रतिबंध के बावजूद बैनर, पोस्टर और तोरणद्वार पूर्णिया में लगाए गए। मामला दर्ज होने के बाद पप्पू यादव समेत रंजीता रंजन और संतोष कुमार ने कोर्ट में जमानत करा ली थी।
मामला कोर्ट में सुनवाई पर चल रहा था। इस बीच सभी लोगों की ओर से कोर्ट में पैरवी की जा रही थी, लेकिन रंजीता रंजन हाजिरी देने नहीं आ रही थी। गैरहाजिरी की वजह से कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द करते हुए 7 अप्रैल 2022 को गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। वारंट पर कार्रवाई नहीं होने से कोर्ट ने पुलिस अधिकारी को शोकॉज नोटिस भी भेजा और सांसद के खिला इस्तेहार जारी करने का निर्देश दिया है।