बिहार

धरोहरों का संरक्षण करने से बढ़ेगा मिथिला का मान

Admin Delhi 1
30 Jun 2023 5:28 AM GMT
धरोहरों का संरक्षण करने से बढ़ेगा मिथिला का मान
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मधुबनी न्यूज़: सौराठ सभा गाछी क करीब बीस एकड़ भूमि पर माधवेश्वर नाथ मंदिर, धर्मशाला, विशाल कुंआ, तालाब एवं कई बड़े आकार के वृक्षों से हरे भरे होने से रमणीय स्थल के रूप में प्रसिद्धि है. सौराठ सभा विकास समिति सभागाछी में प्राचीन काल के निर्मित मंदिर, भवन,कुंआ, तालाब एवं सभागाछी के संरक्षित करने एक बैठक आयोजित कर चिंता जाहिर की.

सभा विकास समिति के सचिव डा.शेखर चन्द्र मिश्र की अध्यक्षता में सौराठ सभा में स्थित ऐतिहासिक महत्व के निर्माण किए गए धरोहरों के संरक्षण विषय पर बैठक में उपस्थित लोगों ने विचार व्यक्त किया. राजा माधव सिंह एवं उनके पुत्र छत्र सिंह द्वारा बनाया गया नवरत्न शैली का माधवेश्वर मंदिर करीब दो सौ वर्ष पूर्व निर्माण कर शिवलिंग स्थापित किया गया था. माधवेश्वर मंदिर भवन पर छोटे गुम्बज के कई मंदिर हैं. मंदिर परिसर के चारों ओर धर्मशाला के भवन से गोलाकार घेराव है. मंदिर के पुरब दिशा में एक प्रवेश द्वार सभागाछी की ओर से है. पास में तालाब एवं बड़ा कुंआ है.सभागाछी परिसर में सैकड़ों वर्षो से बरगद,पीपल,पाकड़ एवं आम के वृक्ष लगा हुआ है. लोगों ने बैठक में कहा कि एक पेड़ ऐसा भी था जो सवा लाख से अधिक ब्राह्मणों की संख्या होने पर वृक्ष हरे भरे होने पर मुरझा जाता था. जब ब्राह्मणों की संख्या सवा लाख से कम होते ही मुरझाया पुन वृक्ष हरे भरे पूर्व की भांति हो जाता था. लोगों ने कहा कि माधवेश्वर मंदिर, धर्मशाला एवं सभागाछी की जमीन पर लगे वृक्ष को संरक्षित करने से मिथिला एवं सौराठ की गरिमा में वृद्धि होगा. सभागाछी की भूमि कई वर्षो से अतिक्रमण के शिकार होने से सिकुड़ती जा रही है. बैठक में सभा विकास समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत झा गुड्डू, गौरव मिश्रा, शंभूनाथ झा,सुवोध मिश्र सहित कई लोगों ने विचार रखे.

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