पटना न्यूज़: महिला, बच्चों और मानव अंगों की तस्करी के आरोपितों की अवैध संपत्ति जब्त होगी. इसको लेकर भागलपुर सहित सभी जिलों में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस मुख्यालय से एडीजी कमजोर वर्ग (सीआईडी) के निर्देश पर तस्करी के आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की गई है.
भागलपुर एसएसपी आनंद कुमार ने इसको लेकर डीएसपी सिटी, कहलगांव और लॉ एंड ऑर्डर एसडीपीओ को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. उसी के आलोक में कार्रवाई की जा रही है. एसएसपी ने सभी डीएसपी को संबंधित थानेदारों से कार्रवाई कर सात दिनों के अंदर रिपोर्ट तलब करने को कहा है, ताकि मुख्यालय को सूचित की जा सके.
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत भी होगी कार्रवाई पुलिस मुख्यालय ने अपने पत्र में कहा है कि महिला, बच्चों और मानव अंग की तस्करी के आरोपितों की न सिर्फ अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति जब्त की जाए, बल्कि उनके विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम और प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्डिरिंग एक्ट के तहत भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. बाल मजदूरों की तस्करी करने वालों के विरुद्ध भी इसी तरह की कार्रवाई का निर्देश है. तस्करों की पहचान कर उनके विरुद्ध सौ प्रतिशत काला धन, बेनामी संपत्ति, और आय से अधिक संपत्ति जब्त करने को लेकर कार्रवाई शुरू की गई है. पहले से दर्ज मामलों में आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई हो जाएगी, जबकि आगे अगर इस तरह की तस्करी में कोई पकड़ा जाता है तो उसके विरुद्ध भी इसी निर्देश के आधार पर कार्रवाई होगी.
याचिका के बाद पुलिस ने शुरू की कार्रवाई
पुलिस मुख्यालय ने अपने पत्र में बताया है कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. अश्विनी कुमार बनाम भारत संघ एवं अन्य से संबंधित प्रति मुख्यालय को प्राप्त हुई है. याचिकाकर्ता ने कई बिंदुओं पर जनहित याचिका दायर की है, जिनमें महिला तस्करी, बच्चों की तस्करी, श्रमिकों की तस्करी, मानव अंगों की तस्करी, हथियारों की तस्करी, दवाई, सोना और चंदन की तस्करी के आरोपियों के काला धन, बेनामी संपत्ति और आय से अधिक संपत्ति को जब्त कर उनके विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए. नेशनल सिक्योरिटी एक्ट की बात करें तो यह एक ऐसा कानून है जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति से कोई खास खतरा सामने आता है तो उस व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. उसे जेल भी भेजा जा सकता है.