बिहार

वार्षिक व अर्द्धवार्षिक परीक्षा का नंबर जोड़ कर बनेगी प्रगति पत्र रिपोर्ट

Admin Delhi 1
18 March 2023 11:35 AM GMT
वार्षिक व अर्द्धवार्षिक परीक्षा का नंबर जोड़ कर बनेगी प्रगति पत्र रिपोर्ट
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नालंदा न्यूज़: जिले के प्रारंभिक स्कूलों में पहली पाली में विज्ञान तो दूसरी पाली में संस्कृत विषय की परीक्षा हुई. आठवीं कक्षा के 49 हजार छात्र परीक्षा में शामिल हुये. लेकिन, जिले के 99 फीसद प्रारंभिक स्कूलों में संस्कृत के शिक्षक नहीं है. बच्चों ने बिना पढ़ाई के ही संस्कृत की परीक्षा दी.

अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा के सभी विषयों को नंबर को जोड़कर ही फाइनल रिजल्ट बनाया जाता है. इन स्कूलों में छठी से आठवीं तक डेढ़ लाख बच्चे नामांकित है.

विभागीय आंकड़े के अनुसार छठी में 46 हजार 981, सातवीं में 50 हजार 460 तो आठवीं में 49 हजार 520 छात्र नामांकित है. प्रारंभिक स्कूलों में छठी से ही संस्कृत की पढ़ाई कराये जाने का प्रावधान है. लेकिन, संस्कृत के कितने शिक्षक है विभाग के पास कोई डाटा नहीं है.बोले एचएम नेपुरा मध्य विद्यालय के एचएम डॉ. रामाधीन सिंह ने बताया कि छठी से आठवीं तक 278 छात्र नामांकित है. बहादूरपुर स्कूल के एचएम सौरव कुमार ने बताया कि 278 बच्चे हैं. लेकिन, संस्कृत के शिक्षक नहीं होने की बजह से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती है. अस्थावां मध्य विद्यालय के एचमए संजय कुमार ने बताया कि छठी से आठवीं तक 456 छात्र है. संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति है. लेकिन, दूसरे विद्यालय में प्रतिनियुक्ति है. इस कारण इस स्कूल में संस्कृत की पढ़ाई नहीं होती है.

रहुई प्रखंड में महज एक संस्कृत का शिक्षक जानकारों ने बताया कि रहुई प्रखंड में मात्र एक ही संस्कृत शिक्षक है. शाहपुर मध्य विद्यालय में प्रखंड स्नातक शिक्षक तैनात है.

रहुई मध्य विद्यालय के एचएम सुनील कुमार ने बताया कि आठवीं में 125 बच्चे परीक्षा दे रहे है. लेकिन, संस्कृत के शिक्षक नहीं रहने के कारण पढ़ाई नहीं होती है. इसी तरह, थरथरी प्रखंड के कचहरिया स्कूल के एचएम इम्तियाज हुसैन ने बताया कि आठवीं में 58 छात्र परीक्षा दे रहे है. लेकिन, संस्कृत विषय के शिक्षक नहीं रहने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चुनौती बनी हुई है. भतहर के एचएम सर्वेश कुमार, प्रतापुर के एचएम विजय प्रकाश चन्द्र व अतबलबिगहा स्कूल के एचएम गिरिजेश कुमार ने बताया कि संस्कृत की पढ़ाई के लिए शिक्षक नहीं है.

इन विषय की होती है पढ़ाई बरांदी स्कूल के एचएम पीन्नू कुमार ने बताया कि पहली से दूसरी तक हिन्दी, अंग्रेजी व गणित की पढ़ाई करायी जाती है. तीसरी से पांचवी तक हिन्दी, अंग्रेजी, गणित व पर्यावरण विषय की पढ़ाई होती है.

वहीं, छठी से आठवीं तक हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान व संस्कृत की पढ़ाई होती है. एक भी शिक्षक संस्कृत के नहीं है.

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