पूर्णिया विश्वविद्यालय के सातवें कुलसचिव बनेंगे प्रो. अनंत प्रसाद
कटिहार: पूर्णिया विश्वविद्यालय के सातवें कुलसचिव प्रो. डॉ. अनंत प्रसाद गुप्ता बनाये गये है, जो वर्तमान में जीएलएम कॉलेज बनमनखी के प्राचार्य के पद पर पदस्थापित हैं. राजभवन सचिवालय ने नये कुलसचिव की पदस्थापना को लेकर पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजनाथ यादव को पत्र जारी कर दिया है. साथ ही वर्तमान कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय को डिस्चार्य किये जाने की स्थिति में कुलसचिव के पद से कुलपति को रिलीव आर्डर निर्गत करने का दिशानिर्देश दिया गया है.
इधर, नये कुलसचिव की पदस्थापना से छात्र-छात्राओं के बीच जहां हर्ष का माहौल कायम है, वहीं पूर्व कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय को राजभवन के द्वारा कुलसचिव के पद से हटाये जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं है. वेतन के साथ पेंशन, गैर अंगीभूत कॉलेजों में दानदातों का नोटिफिकेशन और अतिथि शिक्षकों की बहाली में विज्ञापन जारी करने समेत कई अन्य मुद्दे पर विश्वविद्यालय प्रशासन से टकराव की स्थिति शायद कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय के हटने का कारण बनी, ऐसी चर्चा आम है. पर पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसी किसी भी परिस्थिति से साफ तौर पर इंकार कर रहा है.
...छात्र, शिक्षक और कर्मचारियों के हित के लिए सदैव सजग रहेंगें नये कुलसचिव राजभवन के एडिशनल सेक्रेटरी महावीर प्रसाद शर्मा के द्वारा पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजनाथ यादव को पत्र लिखकर कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय को डिस्चार्य करने और उन्हें रिलीव आर्डर देने का निर्देश दिया गया है. साथ ही पूर्व कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय को रिलीव आर्डर देने के बाद प्रो. डॉ. अनंत प्रसाद गुप्ता को कुलसचिव के पद का पदभार देने का निर्देश दिया गया है. राजभवन के द्वारा पूर्णिया विश्वविद्यालय के सातवें कुलसचिव प्रो. डॉ. अनंत प्रसाद गुप्ता बनाये जाने के बाद नये कुलसचिव जल्द ही पदभार ग्रहण करेंगें. वर्तमान में नये कुलसचिव के द्वारा कुलपति प्रो राजनाथ यादव के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है. इधर नव पदस्थापित कुलसचिव प्रो. डॉ. अनंत प्रसाद गुप्ता ने पदभार ग्रहण करने के बाद छात्र, शिक्षक और कर्मचारियों के हित में सदैव तत्पर रहने की प्रतिबद्धतता जताई और विश्वविद्यालय के विकास के लिए सभी से सहयोग की अपील की है. नये कुलसचिव ने बताया कि विश्वविद्यालयों की समस्याओं का साकारात्मक तरीके से समाधान निकाला जायेगा. विश्वविद्यालय की स्थापना काफी संघर्ष के बाद हुई है. विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए वे पहल करेंगें.