बेगूसराय: आउटसोर्सिंग से माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की बहाली के लिए पहल शुरू हो गई है. डीईओ शर्मिला राय ने जिले के सभी बीईओ को निर्देश जारी किया है. उन्होंने स्कूलों में बहाली के लिए संबंधित एचएम से विषयवार रिक्ति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि अपर मुख्य सचिव ने इस बाबत डीएम को भी निर्देश जारी किया है. वर्तमान में उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कहीं एक तो कहीं शून्य शिक्षक हैं. बच्चों की पढ़ाई निजी कोचिंग के भरोसे चलती है.
खोदावंदपुर से नि.सं. के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए नित नए कदम उठाए जा रहे हैं. परन्तु धरातल पर संसाधन के अभाव में सरकार की यह घोषणा दम तोड़ रही है. इसका जीता जागता उदाहरण खोदावंदपुर प्रखंड का है. वर्ष 2016 में श्री दुर्गा उच्च विद्यालय मेघौल को इंटर स्तरीय शिक्षण संस्थान का दर्जा दिया गया. इसी वर्ष से यहां इंटर के वर्ग का संचालन करने का निर्देश दिया गया. शिक्षा विभाग के इस निर्देश के आलोक में 11 कक्षा में छात्र छात्राओं का नामांकन किया गया. बिना एक भी शिक्षक व पढ़ाई के ही ये सभी छात्र 12 कक्षा में प्रोन्नत कर दिए गए.
तब से हर शैक्षणिक सत्र में ऐसा ही हो रहा है. प्रत्येक वर्ष लगभग ढाई सौ छात्र छात्राएं इस शिक्षण संस्थान से इंटर उतीर्ण कर रहे हैं.
परन्तु आज तक इस शिक्षण संस्थान में पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक का पदस्थापन नहीं किया गया.
दूसरी ओर बरियारपुर पूर्वी पंचायत स्थित उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय मसुराज का यही हाल है. वर्ष 2016 में ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय मसुराज को उच्च विद्यालय का दर्जा दिया गया. वर्ग नवम एवं दशम की पढ़ाई शुरू करने का निर्देश दिया गया. इस निर्देश के आलोक में यहां नवम एवं दशम में छात्र छात्राओं का नामांकन किया गया. परन्तु पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं दिए गए. मध्य विद्यालय के शिक्षक ही माध्यमिक स्तर की कक्षा आज तक सम्हाल रहे हैं. अतिथि शिक्षक भी इस शिक्षण संस्थान को नहीं मिला. लगभग सवा करोड़ की लागत से इस विद्यालय का भवन बना दिया गया. परन्तु अन्य संसाधन व शिक्षक के अभाव में यहां की माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था दम तोड़ रही है.