मुजफ्फरपुर न्यूज़: कॉलेजों को संबद्धता में सुदूर इलाकों और पिछड़े इलाकों को प्राथमिकता दी जाएगी. राज्य सरकार संबद्धता के मानकों व प्रावधानों को और कड़ा करेगी. ताकि, किसी कॉलेज को संबद्धता देने के पहले कॉलेज को हर मानक पर जांचा-परखा जा सके.
सरकार यह देखना चाहती है कि जिस मकसद से किसी कॉलेज को संबद्धता दी जा रही है, उससे छात्रों को शिक्षा देने का वास्तविक उद्देश्य पूरा हो सकेगा या नहीं. शिक्षा विभाग कॉलेजों को संबद्धता देने के मामले में पहले से और कड़ाई करने जा रहा है. उच्च शिक्षा निदेशालय इस दिशा में व्यापक कार्ययोजना बना रहा है. इसमें कॉलेजों में पढ़ाए जाने वाले विषयों और उन्हें मान्यता देने का विषय भी शामिल होगा.
उच्च शिक्षा निदेशालय के अनुसार अब किसी कॉलेज को संबद्धता देने के मामले में उसका इन्फ्रास्ट्रक्चर ही सबसे अहम नहीं होगा. बल्कि, एकेडमिक सिस्टम को भी मानकों की कसौटी पर कसा जाएगा. कॉलेज स्थानीय बच्चों को उच्च शिक्षा देने में सक्षम है या नहीं, यह सबसे महत्वपूर्ण मानक होगा. शिक्षकों की उपलब्धता, उनकी योग्यता और गुणवत्ता का भी मूल्यांकन होगा. इसके अलावा कॉलेज को मान्यता देने में क्षेत्र विशेष की भी भूमिका बेहद अहम होगी. इसमें सुदूर इलाकों और पिछड़े इलाकों को प्राथमिकता दी जाएगी. ताकि सुदूर इलाके के बच्चों को पढ़ने के लिए बहुत दूर न जाना पड़े. खासकर लड़कियों को इस निर्णय से सुविधा होगी.
दरअसल, पिछले दिनों निदेशालय के स्तर पर समीक्षा के क्रम में यह महसूस किया गया कि कॉलेजों को संबद्धता देने में बहुत उदार नहीं होना चाहिए. बल्कि छात्र-छात्राओं की जरुरतों और क्षेत्र विशेष को ध्यान में रखकर ही इस पर विचार किया जाना चाहिए. इससे सरकार का उद्देश्य पूरा हो सकेगा. माना जा रहा है कि अगले कुछ महीनों में निदेशालय इसका मानक तैयार कर लेगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.