बिहार

छठ को लेकर बांस की वस्तुओं के बढ़े दाम, महंगे रेट पर खरीदने पड़ेंगे सूप.. ढाका और टोकरी

Shantanu Roy
6 Nov 2021 6:12 AM GMT
छठ को लेकर बांस की वस्तुओं के बढ़े दाम, महंगे रेट पर खरीदने पड़ेंगे सूप.. ढाका और टोकरी
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लोक आस्था का महापर्व छठ ( Mahaparv Chhath) पूरे बिहार में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. बिहार के आसपास के राज्यों में भी ये बहुत श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है. छठ के मौके पर मुख्य रूप से पूजा में उपयोग होने वाले सूप,

जनता से रिश्ता। लोक आस्था का महापर्व छठ ( Mahaparv Chhath) पूरे बिहार में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. बिहार के आसपास के राज्यों में भी ये बहुत श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है. छठ के मौके पर मुख्य रूप से पूजा में उपयोग होने वाले सूप, ढाका, टोकरी का डिमांड बढ़ जाता है. इन सामानों को बनाने में महादलित परिवारों (Mahadalit Families) के लोग कई महीने पहले से ही जुट जाते हैं और इनका रोजगार भी खूब चलता है. लेकिन इस बार बांस से बने इन समानों का दाम काफी बढ़ गया है.

छठ पूजा करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस आस्था से ज्यादातर लोग जुड़ते जा रहे हैं. ऐसे में पूजा में लगने वाले सामान बांस से निर्मित वस्तुओं की डिमांड भी काफी बढ़ गई है. जिसे देखते हुए समान के दाम भी बढ़ गए हैं. बांस का सामान बनाने वाले महादलित परिवारों को सालों भर रोजगार नहीं मिल पाता है. लग्न या ऐसे पर्व त्योहार जिसमें बांस से निर्मित वस्तुओं का उपयोग होता है, उसी में इनकी कमाई होती है.
इस साल छठ पूजा में उपयोग होने वाले सामग्रियों के दामों में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिलेगा. लेकिन लोक आस्था के महापर्व में श्रद्धालु सामानों को जरूर खरीदेंगे. विशेषकर बांस के बने डलिया, ढाका, सूप का इस पर्व में विशेष महत्व है. सूप और ढाका के बिना इस महापर्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. राजधानी पटना समेत कई जिलों से सूप, ढाका महादलित परिवार से लेकर बड़े-बड़े व्यपारी अन्य राज्य में भेजने का काम करते हैं.
महादलित परिवार के सभी सदस्य इस कला में निपुण रहते हैं. पूजा के समय में डिमांड ज्यादा बढ़ने के कारण छोटे से बड़े महिला से पुरुष तक इस काम में जुड़ कर ज्यादा से ज्यादा संख्या में सूप ढाका बनाते हैं और बाजारों में भेजने का काम करते हैं. इस साल बांस से निर्मित वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि हुई है. जिसका एकमात्र कारण ये है कि इन दिनों बांस के दाम बढ़ गए हैं. जिस कारण से महादलित परिवारों को महंगे दामों में बांस खरीद कर लाना पड़ रहा है और उस बांस से सूप ढाका तैयार किए जाते हैं. बाजारों में इस बार छठ व्रती को महंगा सूप खरीदना पड़ेगा.
बता दें कि छठ महापर्व में गंगा स्नान यानी कि नहाए खाए के साथ ही छठ का अनुष्ठान शुरू हो जाता है. दीपावली समाप्त होने के साथ ही छठ व्रती छठ पूजा की तैयारी में जुट जाते हैं. लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा में घर के सभी सदस्य बड़े ही साफ-सुथरे शरीर और सच्चे मन से छठ के सामानों की खरीदारी करते हैं.


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