बिहार

राष्ट्रपति मुर्मू ने दी बधाई, पान बेचने वाले के बेटे ने भारत को दिलाया पहला मेडल

Admin4
30 July 2022 4:45 PM GMT
राष्ट्रपति मुर्मू ने दी बधाई, पान बेचने वाले के बेटे ने भारत को दिलाया पहला मेडल
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बर्मिंघम: कॉमनवेल्थ गेम्स के 22वें एडिशन का आयोजिन बर्मिंघम में हो रहा है. आज यानी 30 जुलाई शनिवार को इवेंट्स का दूसरा दिन है. कई स्पर्धाओं में खिलाड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं, जिसमें मेडल-मैच भी शामिल हैंसंकेत महादेव सरगर ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पहला रजत पदक दिला दिया है. महाराष्ट्र के सांगली के रहने वाली इस 21 साल के भरोत्तोलक ने 55 किग्रा भारवर्ग में इतिहास रच दिया. क्लीन एंड जर्क के दूसरे राउंड में चोटिल होने के बावजूद सरगर ने स्वर्ण के लिए प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो सके. तीन बार के राष्ट्रीय चैंपियन और पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में रजत जीतने वाले संकेत स्वभाव से शर्मीले हैं और मुकाबलों के दौरान अपनी टीम के सपोर्ट स्टाफ के अलावा किसी से बात नहीं करते हैं.संकेत महाराष्ट्र के सांगली में पिता की पान की दुकान और खाने की दुकान में मदद करते हैं. वह अपने पिता को अब आराम करते हुए देखना चाहते हैं. संकेत ने इस साल फरवरी में सिंगापुर वेटलिफ्टिंग इंटरनेशनल में 256 किग्रा (स्नैच में 113 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 143 किग्रा) उठाकर कॉमनवेल्थ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया था.सरगर के पिता महादेव सरगर ने कहा, मैं अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए चाय और पान की दुकान चलाता हूं. मेरे बेटे ने हरियाणा (खेलो इंडिया यूथ गेम्स) में महाराष्ट्र के लिए स्वर्ण पदक जीता था और अब बेटे ने राष्ट्रमंडल खेलों में पहला पदक जीता है. मैं बहुत उत्साहित हूं.

संकेत ने हाल ही में कहा था, अगर वह स्वर्ण जीत लेते हैं तो अपने पिता की मदद करेंगे. उन्होंने मेरे लिए काफी दुख उठाए हैं. मैं उन्हें अब खुशियां देना चाहता हूं. संकेत अब पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण जीतना चाहते हैं.संकेत सरगर को पिछले साल अक्तूबर में एनआईएस पटियाला में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था. वह कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय में इतिहास के छात्र हैं. संकेत ने खेलों इंडिया यूथ गेम्स 2020 और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2020 में स्वर्ण पदक जीता था.

भारत के लिए पुरुषों में पिछली बार राष्ट्रमंडल खेलों में सतीश शिवलिंगम और रंगला वेंकट राहुल ने स्वर्ण जीता था. संकेत उस क्रम को जारी रखने में कामयाब नहीं हुए. भरोत्तोलन 19वीं बार राष्ट्रमंडल खेलों में है. साल 1950 में पहली बार यह खेलों का हिस्सा लिया था. इस बार 16 वर्गों में 180 एथलीट भाग ले रहे हैं. इनमें 90 पुरुष और 90 महिला हैं.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाले भारोत्तोलक संकेत सरगर को बधाई देते हुए कहा है कि उनके अथक परिश्रम ने देश का नाम रोशन किया है. सरगर ने पुरुषों के 55 किलो वर्ग में रजत पदक जीता. मुर्मू ने ट्वीट किया, संकेत सरगर को राष्ट्रमंडल खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में रजत पदक जीतने पर बधाई. आपके अथक परिश्रम से आपको सफलता मिली और देश का नाम रोशन हुआ. पदक तालिका में भारत का खाता खुला. मेरी शुभकामनाएं.




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